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मंडी। देश और दुनिया में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) के खतरे को कम करने के लिए सभी क्लीन एनर्जी (Clean Energy) की ओर ध्यान दे रहे हैं। यानी ऐसी ऊर्जा (Energy) जिसके उत्पादन से पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुंचे। फिलहाल कोयला, पट्रोल, डीजल, कैरोसीन से ऊर्जा उत्पादन में वातावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसी बीच अब आईआईटी मंडी (IIT Mandi) में एक ऐसी तकनीक विकसित की जा रही है, जिसमें सड़क (Road) पर चलने से बिजली (Electricity) पैदा होगी। इस शोध में जुटे प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक हैं आईआईटी मंडी के डॉक्टर राहुल वैश (Rahul Vaish)।
सड़क पर चलने से जिस तकनीक से बिजली बनेगी उस तकनीक का नाम है ग्रेडिड पोलिंग और आईआईटी मंडी के शोधकर्ता जिस पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल (Piezoelectric Material) का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे उर्जा उत्पन्न होती है। इसमें सड़क पर पड़ने वाले दबाव से बिजली पैदा की जाती है। इसमें मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी बदला जाता है। मसलन सड़क पर दबाव पड़ने से मैकेनिकल ऊर्जा पैदा होती है और इसे इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदला जाता है। क्लीन एनर्जी बनाने के जिस प्रोजेक्ट पर टीम काम कर रही है, उन प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक डॉक्टर राहुल वैश हैं।
प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक डॉक्टर राहुल वैश ने एक बयान में कहा कि हमने पीजोइलेक्ट्रिक सामग्रियों के बिजली उत्पादन को 100 गुना से अधिक बढ़ाने के लिए ग्रेडेड पोलिंग नामक एक तकनीक विकसित की है। यानी जिस काम करने से पहले एक गुना बिजली पैदा होती थी अब वही काम करने से 100 गुना बिजली पैदा होगी। इस एक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यह भी बता दें कि इसका प्रभाव सीमित है। बहरहाल, जलवायु परिवर्तन की वजह पृथ्वी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इस शोध में शोधकर्ताओं को ज्यादा कामयाबी मिलती है तो इससे पर्यावरण का बहुत बड़ा फायदा होगा।
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