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Good News : बाबा बालक नाथ मंदिर में बनेगा रोपवे, श्रद्धालुओं को होगी भारी सुविधा
Ropeway For Baba Balak Nath Temple: शिमला। बाबा बालकनाथ मंदिर (Baba Balak Nath Temple) में भीड़.भाड़ को ध्यान में रखते हुए व श्रद्धालुओं की निर्बाध एवं सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने मंदिर में रोपवे (Ropeway) स्थापित करने का निर्णय लिया है। 0.52 किलोमीटर क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस रोपवे का 65 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह रोपवे मंदिर को टैक्सी पार्किंग से जोड़ेगा। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है और वर्तमान में नवरात्रि और अन्य महत्वपूर्ण पावन अवसरों पर यहां पर भारी भीड़ उमड़ती हैए जिसके कारण लाखों श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ता है। रोपवे के निर्माण से इस समस्या को कम करने और श्रद्धालुओं को सहायता मिलेगी। ये बात (CM Sukhwinder Singh Sukhu) सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही है।
श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा
सुक्खू ने कहा कि बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर (Hamirpur) जिला का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जो उत्तर भारत के हजारों श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करता है। यह मंदिर ना केवल आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है बल्कि प्रदेश की संस्कृति और प्राकृतिक सौन्दर्य का भी एक अनूठा उदाहरण है। यहां का शांत वातावरण धार्मिक उत्साह के साथ मिलकर इस मंदिर को पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों का पसंदीदा गंतव्य बनाता है। रोपवे के निर्माण से बाबा बालकनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होगी। वर्तमान में यहां टैक्सी पार्किंग से मंदिर तक पहुंचने के लिए सिंगल सड़क है लेकिन रोपवे के निर्माण से श्रद्धालुओं को यात्रा करने का वैकल्पिक मार्ग मिलेगा और यह सफर उनके लिए अविस्मरणीय होगा। प्रदेश सरकार की इस परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होने के साथ.साथ क्षेत्र की आर्थिकी भी सृदृढ़ होगी।
आगंतुको की संख्या पांच करोड़ तक करने का लक्ष्य
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी तथा पर्यटन को बढ़ावा देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि प्रदेश के हजारों परिवार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगंतुकों के अनुभवों को और अधिक यादगार बनाने के लिए (Tourism Infrasturcture) पर्यटन अधोसंरचना का विकास करने के लिए विभिन्न कदम भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन के अलावा प्रदेश सरकार साहसिक पर्यटन के लिए प्रमुख जलाश्यों में जलक्रीड़ा तथा पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों पर भी बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भविष्य के लिए राज्य में प्रतिवर्ष आगंतुकों की संख्या को पांच करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा है।
– राहुल कुमार