-
Advertisement
स्वास्थ्य विभाग के इस कोरोना योद्धा को सलाम, एक साल से बिना छुट्टी लिए कर रहे काम
ऊना। कोरोनावायरस नाम की महामारी के इस विकट समय में जहां हर व्यक्ति एक दूसरे से कन्नी काटने में लगा हुआ है। वही हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी सुरक्षा की परवाह ना करते हुए भी लगातार फ़र्ज़ की राह पर निकले हुए है। इन्हीं में से एक स्वास्थ्य विभाग के एक ऐसे चालक हैं जो पिछले सवा साल से लगातार बिना कोई छुट्टी लिए विभागीय कर्मचारियों द्वारा लिए गए कोरोना के सैंपल (Samples for Testing)को जांच के लिए विभिन्न लैबोरेट्रीज में पहुंचाते आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में चालक के पद पर तैनात धर्मेंद्र कुमार (Dharmendra Kumar) उर्फ शीतल ने कर्तव्य परायणता की एक ऐसी मिसाल कायम की है जो अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। गौरतलब है कि जिला भर के लोगों के कोरोना वायरस की जांच के लिए जुटाए जाने वाले आरटी पीसीआर सैंपल्स कभी टांडा मेडिकल कॉलेज, कभी आईएचबीटी पालमपुर तो कभी सीएसआईआर कसौली की प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस पूरे कालखंड में धर्मेंद्र कुमार ने लाखों किलोमीटर से का सफर तय करते हुए करीब 95 हजार सैंपल की जांच करवाई है। लेकिन ना तो कभी उन्होंने छुट्टी ली और ना ही अपने फर्ज को निभाने में कोई टालमटोल की।
यह भी पढ़ें: Live Report- हिमाचल में Corona Curfew का दूसरा चरण : छूट के बीच बाजारों में उमड़ी भीड़, कई जगह टूटे नियम
धर्मेंद्र कुमार के काम को देखते हुए जहां प्रदेश सरकार उन्हें सरकारी समारोह में सम्मानित कर चुकी है, वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी उनका सम्मान कर चुके हैं। धर्मेंद्र हरोली विधानसभा क्षेत्र के बढेड़ा गांव के रहने वाले है और उनकी पत्नी भी स्वास्थ्य विभाग में आशा वर्कर के पद पर तैनात है वहीँ धर्मेंद्र के घर में उनकी बुजुर्ग माता और दो बेटियां भी है। धर्मेंद्र का कहना है कि उनके इस कार्य में उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिलता है। धर्मेंद्र की माने तो शुरू शुरू में उन्हें कोविड सैंपल्स (Covid Samples) ले जाने में डर लगा था लेकिन काम के आगे उन्होंने डर को आड़े नहीं आने दिया और लगातार अपने काम को कर रहे है। सीएमओ डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा धर्मेंद्र को जो भी जिम्मेदारी दी जाती है वो उसे बखूबी निभाते है और ऐसे कर्मचारियों पर उन्हें नाज है।