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Himachal: एसबीआई का मैनेजर और रिकवरी एजेंट 20 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार
ऊना। हिमाचल (Himachal) के ऊना जिला के गगरेट में एसबीआई (SBI) के मैनेजर और रिकवरी एजेंट को 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा है। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस (Vigilance) ने मामले में कार्रवाई करते हुए मैनेजर और रिकवरी एजेंट को गिरफ्तार (Arrest) किया है। बताया जा रहा है कि लोन की एवज में रिश्वत की मांग की थी। बैंक प्रबंधक ने शिकायतकर्ता से 20,000 रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस में मामले की शिकायत कर दी। ऊना जिला में इस माह में रिश्वत का यह दूसरा मामला है।
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बता दें कि गगरेट में स्थित लघु औद्योगिक इकाई के मालिक राकेश कुमार ने एसबीआई की गगरेट शाखा से लोन लिया था। उसका लोन खाता लोन की किश्त समय पर जमा ना करवाने के चलते एनपीए में चला गया था। बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत औद्योगिक इकाई को सील कर दिया था। इसी बीच बैंक द्वारा वन टाइम सेटलमेंट की पेशकश करने पर राकेश कुमार ने 26 फरवरी को एक मुश्त राशि जमा करवा दी। राकेश कुमार का आरोप है कि इसके बावजूद बैंक मैनेजर ताले खोलने को लेकर आनाकानी करता रहा। जबकि उसने ताले खोलने की एवज में बीस हजार रुपये की मांग कर डाली। इस पर राकेश कुमार ने विजिलेंस विभाग से संपर्क किया और विजिलेंस विभाग ने इन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप लगा दिया। मंगलवार को बैंक मैनेजर व बैंक की रिकवरी एजेंसी का एक कर्मचारी आया और राकेश कुमार ने उन्हें अपनी औद्योगिक इकाई की तरफ बुला लिया। यहां पर रिकवरी एजेंसी के कर्मचारी ने जैसे ही पैसे पकड़े विजिलेन की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। शिकायतकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि कर्ज चुकाने के बाबजूद भी उद्योग को खोलने की एवज में 20 हजार की मांग की गई थी। विजिलेंस के एएसपी सागर चंद का कहना है कि शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद ट्रैप लगाकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आगामी कार्रवाई जारी है।
बता दें कि इसी माह तहसीलदार ऊना को पांच हजार रिश्वत के साथ विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। 15 मार्च यानी सोमवार देर शाम तहसीलदार कार्यालय में विजय राय को विजिलेंस की टीम (Vigilance Team) ने तकसीम की एवज में पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया था। इसके बाद 18 मार्च को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया था। उनका हेडक्वार्टर कांगड़ा स्थित मंडलायुक्त कार्यालय निश्चित किया गया था। अभी आरोपी तहसीलदार 14 दिन के न्यायिक हिरासत में है।
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