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वैज्ञानिकों ने चंद्रमा का अब तक का पहला ‘Unified Geologic Map’ किया जारी
नई दिल्ली। अमेरिका की अंतरिक्ष को लेकर कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं। इसको लेकर वह दुनिया के अन्य देशों की भी मदद लेने में पीछे नहीं हो रहा है। एक तरफ जहां नासा (NASA) मंगल पर इंसान भेजने के अभियान में वह यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) की मदद ले रहा है। वहीं दूसरी तरफ नासा चांद पर इंसान की बस्ती बसाने की योजना पर अकेला ही काम कर रहा है। इस बीच यूएसजीएस खगोल विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने नासा और लूनर प्लेनेटरी इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर चंद्रमा का अब तक का पहला ‘व्यापक भूगर्भिक (जियोलॉजिक) मानचित्र’ (Unified geologic map) जारी किया है।
इस नक्शे को यूनिफाइड जियोलॉजिकल मैप ऑफ द मून नाम दिया है। कई दशकों से चांद की धरती पर किए गए जियोलॉजिकल सर्वे का नतीजा है। यह काम तब से चल रहा है जब से चांद पर पहला इंसानी कदम रखा गया था। 6 अपोलो यान के क्षेत्रीय मैप की जानकारी और हाल में चांद पर भेजे गए सैटेलाइट मिशन के डेटा की मदद से चंद्रमा का यह एकीकृत भूगर्भिक मानचित्र तैयार किया गया है।
तीनों संस्थाओं के वैज्ञानिकों ने चांद की सतह का पूरा का पूरा मैप बना दिया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नक्शा नासा के अभियान को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा। इस नक्शे में कई जगह गुलाबी रंग के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। ये धब्बे 3.5 अरब साल पुरानी घटनाओं के संकेत हैं। इंब्रियन काल कहे जाने वाले उस समय बहुत से क्षुद्रग्रह (Astroids) चांद पर आकर गिरे थे जिसके कारण वहां बहुत से क्रेटर बन गए थे। ये क्रेटर आज भी दिखाई देते हैं। यही क्रेटर नक्शे में गुलाबी रंग से दिख रहे हैं।