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खाने में मसाले कितने जरूरी होते हैं ये एक गृहिणी से ज्यादा कौन जानता है। मसालों (Spices) से जहां खाने का स्वाद बढ़ता है, वहीं इसके और भी कई फायदे होते हैं। हमारे देश में कई प्रकार के मसाले पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल ना सिर्फ किचन में बल्कि डायबिटीज को कंट्रोल करने में होता है। कुछ मसाले ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करके मधुमेह को रोकने में मदद कर सकते हैं। मसालों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक (Antioxidants and Antibiotics) गुण हैं जो समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं। मसाले अच्छे तो होते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल हमेशा लिमिट में ही करना चाहिए नहीं तो आपका पेट खराब हो सकता है। हम आपको बताते हैं कि किन मसलों की मदद से आप ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं …
आयुर्वेद ने लंबे समय से हल्दी को अपने गुणों के लिए इस्तेमाल किया है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी और एंटी बैक्टीरियल गुण इम्यूनिटी और स्किन (Immunity and skin) के लिए अच्छे माने जाते हैं। शोधकर्ताओं ने मधुमेह के प्रबंधन में इसकी भूमिका की जांच की है और परिणामों ने सुझाव दिया है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। जर्नल एविडेंस-बेस्ड कॉम्प्लिमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक, खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इससे मधुमेह संबंधी जटिलताओं को और कम किया जा सकता है। हल्दी को अपने बचाव में लाने का सबसे अच्छा तरीका है कि हल्दी वाला दूध पीया जाए।
लौंग में एंटीसेप्टिक के साथ-साथ कीटाणुनाशक गुण भी होते हैं। इसके अलावा, वे मधुमेह के लिए भी लाभ प्रदान करते हैं। लौंग आपके ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रण में रखने में मदद करती है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है।
सरसों भी मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है। सरसों में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य फायदेमंद पौधों के यौगिक होते हैं जो आपके शरीर को क्षति और बीमारी से बचाने में मदद करता है। इसे अपने आहार में नियमित शामिल करें क्योंकि यह वजन कम करता है, बालों को स्वस्थ बनाकर शरीर की सूजन को कम करता है। सरसों कैरोटिनॉइड्स, आइसोरामनेटिन, और केम्पफेरोल पाया जाता है। शोध इन फ्लेवोनॉइड एंटीऑक्सिडेंट्स को टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी स्थितियों के लिए सुरक्षित मानता है।
दालचीनी में रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो खाना पाचने और दांतों में मदद करते हैं। मधुमेह के संदर्भ में, दालचीनी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती है और इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना को कम करती है। लेकिन दालचीनी से जुड़े किसी भी तरह के घरेलू उपचार की कोशिश करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि लहसुन का सेवन टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। लहसुन में 400 से अधिक रासायनिक घटक होते हैं, जिनकी मदद से कई तरह की बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि लहसुन का सेवन कुछ लोगों के लिए, या अत्यधिक मात्रा में लेने वालों के लिए दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।
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