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सड़क हादसों को कम करने के लिए टायरों से जुड़े मानकों को बनाया अनिवार्य
देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी (Reduce Road Accidents) लाने के लिए सरकार ने टायरों से जुड़े मानकों (Standards Related to Tyre) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 95 में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। मंत्रालय ने इस अधिसूचना के बारे में बयान जारी कर बताया है कि, यह मोटर वाहन उद्योग मानक 142:2019 के तहत सी 1 (यात्री कार), सी 2 (हल्का ट्रक) और सी 3 (ट्रक और बस) के लिए आने वाले टायरों के लिए रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड उत्सर्जन की आवश्यकताओं को अनिवार्य करता है।
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बयान में यह कहा गया है कि, उक्त टायर वेट ग्रिप आवश्यकताओं और रोलिंग रेजिस्टेंस और रोलिंग साउंड उत्सर्जन की स्टेज 2 सीमाओं को पूरा करेंगे, जैसा कि इस एआईएस में निर्दिष्ट है। इस विनियमन के साथ ही, भारत को यूएनईसीई (यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग) के नियमों के साथ जोड़ा जाएगा। यह दावा किया जा रहा है कि टायरों से जुड़े इन मानकों को अनिवार्य बनाने से सड़कों पर होने वाले हादसों में कमी आएगी क्योंकि टायरों के रोलिंग रेजिस्टेंस का ईंधन दक्षता पर प्रभाव पड़ता है, वहीं वेट ग्रिप के कारण गीले टायरों की ब्रेकिंग प्रणाली के प्रभावित होने से वाहनों की सुरक्षा को बढ़ावा देता है। रोलिंग साउंड उत्सर्जन (Rolling Sound Emission) गति की अवस्था में टायर और सड़क की सतह के बीच संपर्क से निकलने वाली ध्वनि से संबंधित है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 95 में संशोधन करते हुए 28 जून, 2022 को इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है। टायरों के नए डिजाइन और मौजूदा टायरों के लिए मानक लागू करने की तारीख भी घोषित कर दी गई है। नए डिजाइन वाले टायरों में इसी वर्ष एक अक्टूबर से नए मानकों का पालन करना होगा, जबकि मौजूदा टायरों में अगले वर्ष यानी एक अप्रैल 2023 से ये नए मानक लागू होंगे। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सभी मौजूदा टायर डिजाइन को अगले वर्ष में एक अप्रैल से वेट ग्रिप और रोलिंग रेजिस्टेंस मानकों का और अगले वर्ष एक जून से कम रोलिंग शोर मानक का पालन करना होगा।
-आईएएनएस