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बस कंडक्टर की बेटी बनी IPS ऑफिसर, मां का अपमान देख शालिनी ने लिया ये फैसला
Last Updated on January 27, 2022 by admin
देश की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। हमारे देश के बहुत से ऑफिसर ऐसे हैं, जिन्होंने अपने बचपन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया है। हालांकि, फिर भी उन्होंने दिन-रात मेहनत करके अपने सपने को पूरा कर दिखाया। आज हम आपको ऐसी ही एक ऑफिसर की संघर्ष की कहानी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी मां का अपमान देखकर ऑफिसर बनने का फैसला लिया था।
बता दें कि आईपीएस ऑफिसर शालिनी अग्निहोत्री (IPS Officer Shalini Agnihotri) हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली हैं। आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद शालिनी अग्निहोत्री ने एक ऐसी पहचान बनाई है कि अब अपराधी उनके नाम से भी डरते हैं।
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इस बात ने बदली लाइफ
शालिनी अग्निहोत्री बताती हैं कि बचपन में एक बार वह अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थी। इस दौरान एक व्यक्ति ने उनकी मां की सीट के पीछे हाथ लगाया हुआ था, जिससे कि वे ठीक से बैठ नहीं पा रही थी। उन्होंने कई बार उस व्यक्ति को हाथ हटाने के लिए कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी और सामने से बोलता तुम कहां की डीसी लग रही हो जो तुम्हारी बात मानी जाए। बस इस बात के बाद शालिनी ने ये तय कर लिया कि वे बड़े होकर ऑफिसर बनेगी।
शालिनी की पढ़ाई
शालिनी अग्निहोत्री बताती हैं कि 10वीं की परीक्षा में उन्हें 92 प्रतिशत से ज्यादा नंबर मिले थे, लेकिन 12वीं में उन्हें सिर्फ 77 प्रतिशत नंबर ही मिले थे। 12वीं के बाद शालिनी ने हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन (Graduation) की पढ़ाई पूरी की। इसी के साथ-साथ शालिनी ने यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करना शुरू कर दिया था।
परिवार का मिला साथ
शालिनी अग्निहोत्री बताती हैं कि पढ़ाई के दौरान परीक्षा में नंबर कम होने के बावजूद भी उनके माता-पिता ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
परिवर से छुपाई ये बात
शालिनी अग्निहोत्री ने एक इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी की तैयारी के बारे में उनके परिजनों को जानकारी नहीं थी। उन्होंने अपने परिवार वालों को इस बारे में इस डर से नहीं बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा में अगर उन्हें सफलता नहीं मिली तो उनके परिजन निराश हो जाएंगे।
ऐसे मिली सफलता
यूपीएससी की तैयारी के लिए शालिनी ने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। हालांकि, शालिनी ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। जिसके बाद उन्हें आईपीएस के लिए चुन लिया गया।
शालिनी के पिता थे बस कंडक्टर
शालिनी अग्निहोत्री के पिता रमेश अग्निहोत्री बस कंडक्टर थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं और भाई एनडीए पास करके आर्मी में हैं।
नाम से थर्र-थर्र कांपते हैं अपराधी
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) की पहली पोस्टिंग हिमाचल में हुई। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला। इसके बाद उन्होंने नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया और कई बड़े अपराधियों को जेल पहुंचा दिया। शालिनी अग्निहोत्री की गिनती साहसी और निडर पुलिस वालों में होती है। शालिनी के नाम से अपराधी थर्र-थर्र कांपते हैं।
इनसे की शादी
शालिनी अग्निहोत्री ने आईपीएस ऑफिसर संकल्प शर्मा से शादी की। संकल्प शर्मा 2012 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। संकल्प शर्मा ने बीटेक और एमटेक की पढ़ाई के बाद सिविल सर्विस की ओर रुझान किया। संकल्प नोएडा, आजमगढ़ और बस्ती जैसे जिलों की भी कमान संभाल चुके हैं। वर्तमान में संकल्प शर्मा बदायूं जिले के एसएसपी हैं। संकल्प तेज एक्शन लेने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में बदायूं गैंगरेप मर्डर मामले में भी उन्होंने बिना देरी किए लापरवाह एसएचओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।