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शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने घाटे में चल रहे बोर्ड और कॉर्पोरेशन (Board Corporations) को मर्ज करने का फैसला लिया है। सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) ने यह फैसला सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करने के चलते लिया है। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है। संबंधित विभाग सरकारी उपक्रमों के घाटे की रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं। बजट सत्र से पहले यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपने को कहा गया है। बता दें कि व्यवस्था बदलने की बात करने वाली सुक्खू सरकार घाटा कम करने के लिए बोर्ड कॉर्पोरेशन को मर्ज (Merge) करने जा रही है। प्रदेश में 10 से ज्यादा सरकारी उपक्रम ऐसे हैंए जो सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे उपक्रमों को संबंधित विभाग में मर्ज करने का प्लान है।
बत दें कि मौजूदा समय में हिमाचल में 9 बोर्ड व 13 कॉर्पोरेशन हैं। इनमें से अधिकांश घाटे में चल रहे (Loss Making) हैं। इस वजह से कई बोर्ड कॉर्पोरेशन के लिए अपने कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है। सुक्खू सरकार ऐसे निगम बंद करने पर विचार कर रही है। कैग भी कई बार घाटे में चल रहे बोर्ड कॉर्पोरेशन के बारे में सरकार को चेता चुका है। हालांकि इससे पूर्व की सरकारों में भी कई बार घाटे में चल रहे बोर्ड निगमों को बंद करने का प्रयास किया गया, लेकिन कर्मचारियों (Employees) के विरोध और पॉलिटिकल इशू के चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। प्रदेश में कई बोर्ड कॉर्पोरेशन ऐसे हैंए जो सरकार पर केवल वित्तीय बोझ (Financial Burden) बढ़ाने काम कर रहे हैं। जिस मकसद से इनका गठन किया गया, वह मकसद पूरा नहीं हो रहा है। अब देखना यह है कि क्या सुक्खू सरकार इन घाटे में चल रहे बोर्ड निगामों को मर्ज करने में कामयाब हो पाती है या नहीं।
प्रदेश में कौन कौन से बोर्ड निगम मर्ज किए जाएंगे। इसका फैसला रिपोर्ट आने के बाद ही किया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में इस पर चर्चा की जएगी।
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