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Himachal: अढ़ाई माह में 14 बार आया भूकंप, चंबा में सबसे अधिक बार डोली धरती
शिमला। हिमाचल (Himachal) में जनवरी माह से अब तक 14 बार भूकंप आया है। सबसे ज्यादा बार चंबा (Chamba) जिला में 9 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। फरवरी माह में पांच और मार्च माह में अब तक पांच बार भूकंप आ चुका है। 12, 14, 20 और 25 फरवरी को दो बार भूकंप आया है। मार्च में 8 मार्च को दो बार, 9 मार्च को दो बार और 10 मार्च को एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आठ मार्च को चंबा में 3.6 और 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। एक भूकंप सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर आया और फिर करीब 18 मिनट बाद 10 बजकर 38 मिनट पर फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे अगले दिन 9 मार्च को भी चंबा में भूकंप के झटके महसूस हुए। इस बार भी 3.5 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था और दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर झटके महसूस किए गए।
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9 मार्च को लाहुल स्पीति में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप रात करीब साढ़े 11 बजे रिकॉर्ड किया गया। इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। 10 मार्च को सुबह करीब 7 बजकर 50 मिनट पर लाहुल स्पीति में एक बार फिर धरती डोली और 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। 12 फरवरी को हिमाचल सहित दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप करीब 10 बजकर 35 मिनट पर आया। 14 फरवरी दोपहर 3:49 बजे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 रही। भूकंप का केंद्र बिलासपुर (Bilaspur) रहा। बिलासपुर के अलावा राजधानी शिमला (Shimla) में कई लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए और वे घरों से बाहर निकल आए थे। भूकंप का केंद्र 10 किमी गहराई में था।
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इसके बाद 20 फरवरी को चंबा में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के झटके सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। 25 फरवरी को कांगड़ा में 2.2 और चंबा में 2.4 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। कांगड़ा में सुबह 2 बजकर 33 मिनट और चंबा में सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर भूकंप आया। 11 जनवरी को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 आंकी गई है। भूकंप इतना जोरदार था कि कांगड़ा और चंबा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप रात 7 बजकर 32 मिनट और 4 सेकंड पर आया। जम्मू-कश्मीर में जमीन से पांच किलोमीटर भूकंप का केंद्र रहा है। 9 जनवरी को भी कांगड़ा (#Kangra) जिला के धर्मशाला (Dharamshala), पालमपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। भूकंप 8 बजकर 21 मिनट 50 सेकंड पर आया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.2 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र करेरी में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। 5 जनवरी को चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप दोपहर एक बजकर 9 मिनट पर आया था। इसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। तीव्रता 3.2 थी। वहीं, चंबा में दो जनवरी को रात करीब पौने 12 बजे भी 2.6 तीव्रता भूकंप आया था।
भूकंप आने पर क्या करें
भूकंप आने पर कुछ सावधानियां बरतने से बचाव किया जा सकता है। अगर भूकंप आने के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें। घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढंके। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय ना हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाइओवर पर गाड़ी खड़ी ना करें। भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं, इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। भूकंप आने पर घर में हैं तो चलें नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं। कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बचें। कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल ना करें। लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। भूकंप में अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज़ मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक ना करें और किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाएं।
पहले से तैयारी कैसे करें
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट की चीज हो। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें जिसमें हर व्यक्ति के कामकाज या जिम्मेदारी का जिक्र हो।