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गजब! माइनस पांच अंक लाने वाले का भी होगा सीयू में दाखिला, ये है वजह
धर्मशाला। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश (Central University Of Himachal Pradesh) की गुणवत्ता का एक दम गिर चुकी है। हायर स्टडीज के लेकर छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रति अपना रूझान नहीं दिखा रहे हैं। जिस कारण विवि में नामांकन को लेकर प्रतिस्पर्धा का स्तर बेहद घट गया है। नौबत तो यहां तक आ गई है कि कट ऑफ मार्क्स तो छोड़िए, विवि अब माइनस अंक लाने वाले प्रतिभागी का भी दाखिला लेगा। दरअसल, सीयू (CU) में एमए के न्यू मीडिया विभाग (MA New Media Department) में एससी वर्ग की सीटें खाली रहने पर प्रबंधन ने प्रवेश परीक्षा में माइनस पांच अंक लाने वाले अभ्यर्थी को दाखिला दे दिया।
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एससी वर्ग की चारों सीटें खाली
बता दें कि प्रवेश परीक्षा में निगेटिव मार्किंग की जाती है। ऐसे में अभ्यर्थी को परीक्षा में माइनस पांच अंक आए। एससी वर्ग की चारों सीटें खाली गईं। इस पर विवि ने इस अभ्यर्थी को प्रवेश दे दिया। हालांकि, प्रबंधन का मानना है कि सीटें खाली न रहें, इसलिए अभ्यर्थी को प्रवेश दिया है।
21.5 पर एडमिशन , 6.75 लाने पर वेटिंग लिस्ट
डिपार्टमेंट ऑफ न्यू मीडिया की ओर से जारी की गई सूची में इस अभ्यर्थी का नाम भी है। सूची में सामान्य वर्ग से सबसे अधिक 21.5 अंक लाने वाले अभ्यर्थी को शॉर्टलिस्ट किया गया है, जबकि 6.75 अंक अर्जित करने वाला अभ्यर्थी वेटिंग लिस्ट में हैं। वहीं, दूसरी ओर एससी वर्ग के लिए आरक्षित की गई सीटों में एक सीट के लिए ऐसे अभ्यर्थी को शॉर्टलिस्ट किया गया है, जिसको एंट्रेंस में नेगेटिव मार्किंग के कारण माइनस पांच अंक मिले। इस वर्ग में अभी भी सीटें खाली रह गई हैं।
वेटिंग लिस्ट में हैं 20 अभ्यर्थी
डिपार्टमेंट ऑफ न्यू मीडिया की ओर से जारी की गई पहली प्रवेश सूची में सामान्य वर्ग से 20 अभ्यर्थियों को वेटिंग लिस्ट में स्थान दिया गया है। इसमें 6.75 अंक लेने वाला अभ्यर्थी जहां वेटिंग लिस्ट में शीर्ष पर है, वहीं माइनस एक अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी को भी सामान्य वर्ग की वेटिंग लिस्ट में अंतिम 20 में स्थान दिया गया है।
क्या कहता है विवि प्रशासन
वहीं, इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुमन शर्मा का कहना है कि सीओई का कार्य प्रवेश परीक्षा को करवाना और अभ्यर्थी की ओर से प्राप्त अंकों को संबंधित डिपार्टमेंट को भेजना होता है। इससे आगे की प्रक्रिया संबंधित विभाग की ओर से अमल में लाई जाती है। इधर, दाखिले को लेकर विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप नायर ने कहा कि आरक्षित वर्ग के सीट को खाली नहीं रखा जा सकता है, इसलिए निगेटिव अंक लाने वाले अभ्यर्थी को भी शॉर्टलिस्ट किया गया है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
बहरहाल, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश को 10 साल से भी अधिक हो गए हैं। लेकिन अभी तक यहां छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। स्थायी परिसर नहीं होने के चलते भी बीते कुछ सालों में बाहरी राज्यों के छात्रों का केंद्रीय विवि हिमाचल प्रदेश में नामांकन के प्रति रुझान घटा है।
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