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श्वास ही मन और नकारात्मक भावनाओं को संभालने का साधन: तृप्ता शर्मा
Last Updated on July 7, 2020 by Vishal Rana
धर्मशाला। अक्सर हम अपने जीवन पर तनाव से होने वाले प्रभाव से अपरिचित रहते हैं। प्राय हमारा मन भूतकाल को लेकर क्रोध या पश्चाताप की जकड़ में रहता है, अथवा भविष्य को लेकर चिंतित रहता है। मन के इस व्यवहार के कारण हमारे और हमारे आस पास के लोगों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साथ ही हमारी कार्यकुशलता भी प्रभावित होती है। हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है श्वास, इसलिए यह मन और नकारात्मक भावनाओं को संभालने का साधन भी है और व्यवसाय, घर या खाली समय में अपनी सही क्षमता को अनुभव करने का माध्यम भी है। यह बात आर्ट ऑफ लिविंग (Art of Living) की प्रशिक्षिका और स्टेट मीडिया प्रभारी तृप्ता शर्मा ने हिमाचल के मीडिया कर्मियों के लिए विशेष रूप से आयोजित किए गए तीन दिवसीय शिविर को वर्चुअल मीटिंग में ज़ूम एप पर संबोधित करते हुए कही।
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इस विशेष शिविर में हिमाचल भर से विभिन्न समाचार माध्यमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बिलासपुर में एसएम न्यूज से भाग ले रहे विक्रांत शर्मा का कहना था कि उन्होंने इस तरह के शिविर में पहली बार भाग लिया, लेकिन जिस तरह में शिविर में नॉलेज पॉइंट दिए गए और सुदर्शन क्रिया सिखाई गई वह अद्भुत थी। उन्होंने कहा कि इन दिनों में उन्होंने जो भी सीखा है, उसे वह अपने जीवन में उतारने का पूरा प्रयास करेंगे। हर रोज 8:00 बजे शिविर का आरंभ हो जाता था और सबसे पहले प्रशिक्षक गौरव द्वारा विभिन्न प्रकार की योग क्रियाएं करवाई जाती थीं। उसके उपरांत पंकज शर्मा ने सुदर्शन क्रिया का महत्व बताया और सुदर्शन क्रिया से पहले थ्री स्टेज प्राणायाम व भस्त्रिका तथा उसके उपरांत सांसों की लय पर सुदर्शन क्रिया सिखलाई। अन्य नॉलेज पॉइंट्स के अलावा सभी को वर्तमान में रहने की बात बड़ी महत्वपूर्ण थी। इस सूत्र को सभी को अपनाने को कहा को कहा गया।