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शिमला। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज यानी सोमवार को 74वें गणतंत्र दिवस (Republic day) से पहले हिमाचल (Himachal) को बड़ा सम्मान दिया है। पीएम मोदी ने अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने का ऐलान किया। इन परमवीर चक्र विजेताओं में 4 वीर सपूत हिमाचल के हैं। यानी के पीएम मोदी ने 4 द्वीपों का नाम हिमाचल के 4 वीर सपूतों के नाम पर रखने की घोषणा की।
हिमाचल के इन 4 वीर सपूतों में देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट कर्नल(तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा और सूबेदार मेजर संजय कुमार। बता दें कि पीएम मोदी (PM Modi) ने पराक्रम दिवस के मौके पर अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखे हैं, जिनमें हिमाचल के 4 वीर सपूतों के नाम भी शामिल हैं। हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को देश पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है।
जिला कांगड़ा (Kangra) के शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा (Martyr Major Somnath Sharma) देश के पहले परमवीर चक्र विजेता हैं। वह 3 नवंबर 1947 को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए शहीद हो गए थे। थी। उनकी वीरता और बलिदान को याद करते हुए अंडमान निकोबार (Andaman Nicobar) के एक द्वीप का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा गया है। अंडमान के पहले गैर-आबाद द्वीप का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा गया है। अब इसे “सोमनाथ द्वीप” (Somnath Island) के नाम से जाना जाएगा।
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कारगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा जिला कांगड़ा के पालमपुर से संबंध रखते हैं। इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा ने अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए वीरगति पाई थी। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हुए थे। विक्रम बत्रा की शहादत के बाद पॉइंट 4875 चोटी को बत्रा टॉप का नाम दिया गया है। अब अंडमान निकोबार का एक द्वीप “बत्रा द्वीप” (Batra Island) के नाम से जाना जाएगा।
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सूबेदार मेजर संजय कुमार (Subedar Major Sanjay Kumar) ने कारगिल युद्ध में एरिया फ्लैट टॉप पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिला बिलासपुर के रहने वाले संजय कुमार ने कारगिल युद्ध में अपना पराक्रम दिखाया और दुश्मनों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया। इसके लिए भारत सरकार ने उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अंडमान निकोबार के एक द्वीप का नाम इनके नाम :संजय द्वीप” पर रखने की घोषणा की है।
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इसी तरह से हिमाचल के चौथे वीर सपूत लेफ्टिनेंट कर्नल(तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा थे। धन सिंह थापा का जन्म 10 अप्रैल 1928 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। उनके पिता पदम सिंह थापा क्षेत्री थे। थापा को 8 गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन में 28 अगस्त 1949 को शामिल किया गया था। मेजर धनसिंह थापा को 1962 में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 1962 में शुरू हुए चीन-भारतीय युद्ध के दौरान चीन ने पैनगॉन्ग झील के उत्तर में सिरिजैप और यूल पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से घुसपैठ शुरू की थी। जिसे मेजर थापा और उनके सैनिकों ने असफल कर दिया था। थापा सहित बचे लोगों को युद्ध के कैदियों के रूप में कैद कर लिया गया था। हालांकिए युद्ध की समाप्ति पर उन्हें मुक्त भी कर दिया गया था। देश के लिए अपने महान कार्यों और अपने सैनिकों को युद्ध के दौरान प्रेरित करने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गयाए किन्तु वर्ष 1963 में उनके जीवित वापस आ जाने परए आवश्यक संशोधन किये गए।
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