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धर्मशाला। तिब्बत (Tibet) के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचने पर अमेरिकी विशेष समन्वयक उज़रा ज़ेया से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग (President Penpa Tsering) ने तिब्बत में चल रही समस्याओं व चीन की दमनकारी नीतियों से भी अवगत करवाया। पेनपा त्सेरिंग ने उज़रा ज़ेया को बताया कि किन परिस्थितियों में तिब्बती लोगों ने रातोंरात तिब्बत को छोड़ा था।
आधिकारिक यात्रा के साथ वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि डॉ. नामग्याल चोएडुप और ताशी ल्हुनपो मठ का प्रतिनिधित्व करने वाले उपाध्याय ज़ीक्याब रिनपोछे भी तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग के साथ मौजूद रहे। इस अवसर पर तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने उज़रा ज़ेया को स्मृति चिन्ह देकर भी सम्मानित किया।
ज़ीक्याब रिनपोछे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने विशेष समन्वयक से चीन-तिब्बत संघर्ष (China-Tibetan conflict) को जल्द से जल्द हल करने और तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की शीघ्र तिब्बत वापसी में सहायता करने की भी अपील की। इस मुलाकात के दौरान नामांकन बिल (एचआर 1646) के प्रभावी निष्पादन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जो चीन में अमेरिकी राजदूत (US ambassador) से मांग करता है कि वह तिब्बत के लंबे समय से लापता पंचेन लामा और उनके परिवार से मिले व उनके सकुशल होने की जानकारी को साझा करने की बात को भी रखा गया। तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने विशेष समन्वयक के साथ बातचीत के बाद पंचेन लामा (Panchen Lama) की जयंती को मनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के राजदूत राशद हुसैन से भी मुलाकात की।
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