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कांगड़ा घाटी रेलमार्ग पर पटरी से उतरा रेल इंजन, 4 ट्रेन रूट हुए प्रभावित
बैजनाथ/ नगरोटा सूरियां। हिमाचल की हिचकोले खाती रेल लाइन (Rail Line) कभी भूस्खलन तो कभी अन्य कारणों से बंद होती रहती है। आज यानी शुक्रवार को भी पठानकोट-जोगिंद्रनगर कांगड़ा घाटी रेलमार्ग रेल इंजन (Train engine) के पटरी से उतर जाने के चलते बंद हो गया है। यह रेल इंजन कोपड़ लाहड़ में आज सुबह पटरी से उतर गया। इंजन उतरने से चार रूट प्रभावित हुए हैं। अभी दो ट्रेनों जोगिंद्रनगर व पपरोला में खड़ी हैं, जबकि दो ट्रेनें पठानकोट में हैं। मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब 3:45 पपरोला से पठानकोट के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। जैसे ही ट्रेन कोपड़ लाहड़ स्टेशन के पास पहुंचे तो वहां पर अचानक इंजन का एक पहिया ट्रेक से नीचे उतर गया। गनीमत रही कि पैसेजर ट्रेन होने के बावजूद कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है।
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वहीं, स्टेशन अधीक्षक पठानकोट अश्वनी शर्मा ने बताया कि उन्हें इस बारे में सूचना मिली है। रिलीफ टीम को मौके पर भेजा गया है। जल्द ही इंजन उतरने से चार रूट प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेन रूट प्रभावित होने के चलते दो ट्रेनें जोगिंद्रनगर व पपरोला में खड़ी हैं, जबकि दो अन्य ट्रेनें पठानकोट (Pathankot) में हैं। बता दें कि पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग का निर्माण अंग्रेजों ने जोगेंद्रनगर में पहले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लगाने के लिए किया था। यहां ट्रेन के जरिये भारी मशीनरी पहुंचाई गई थी। कार्य कर्नल बीसी बैट्टी की देखरेख में किया गया था। मार्ग का कार्य दो मई, 1926 को शुरू हुआ था। पहली अप्रैल, 1929 को पहली रेलगाड़ी शुरू हुई थी।
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