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वन रक्षक पर हुआ जानलेवा हमला, गार्ड ने गैर कानूनी तरीके से सड़क निकालने का किया था विरोध
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के झंडूता विधानसभा क्षेत्र में एक वन रक्षक (forest guard) पर जानलेवा हमला होने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता वन रक्षक ने वन विभाग (forest department) से हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई करने और वन रक्षकों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध करने और नियम लागू करने की मांग की है।
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जानकारी के अनुसार, जिला बिलासपुर के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले कलोल क्षेत्र के खरली गांव के दो लोगों ने वन रक्षक पवन कुमार पर जानलेवा हमला किया है। पवन कुमार ने बताया कि खरली गांव में रात के अंधेरे में कुछ लोगों द्वारा वन भूमि पर गैर कानूनी तरीके से सड़क निकाली जा रही थी। ऐसे में वनरक्षक ने इस कार्य को करने के लिए मना कर दिया और इन पर कड़ी कार्रवाई करने को लेकर भी सख्ती दिखाई। जिसके बाद दो युवकों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में वनरक्षक की आंख और सिर में काफी चोटें आई हैं और एक बाजू भी टूट गई है।
वहीं, वनरक्षक एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने बिलासपुर वन विभाग कार्यालय में सोमवार को एक मीटिंग की और उसके बाद उन्होंने वन अरण्यपाल बिलासपुर अनिल कुमार शर्मा के समक्ष बतौर पूरी बात भी रखी। वन रक्षकों का कहना है कि आज के समय में वन रक्षक बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि जंगलों में दिन-रात कार्य करने के बावजूद भी उनको अपनी रक्षा के लिए कोई भी हथियार व कोई सुरक्षा का कवच नहीं दिया गया है। जिसके चलते आए दिन यह मामले सामने आ रहे हैं। वनरक्षक पवन कुमार ने बताया कि इससे पहले भी इस क्षेत्र में इन लोगों द्वारा वन भूमि पर कई जगह पर गैर कानूनी तरीके से सड़के निकाली गई है और इसकी शिकायत भी कई बार वन विभाग के अधिकारियों को की गई है। उन्होंने बताया कि जब भी इन लोगों की शिकायत की जाती है तो यह लोग रात के अंधेरे में छुपकर वन रक्षकों पर जानलेवा हमला कर देते हैं।
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