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पहले इस गांव की छवि थी खराब, अब लगभग हर घर का बच्चा बनता है IAS-IPS ऑफिसर
हमारे देश में बहुत सारे गांव हैं और हर गांव की कहानियां हमेशा लोगों को प्रेरणा देने का काम करती हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जो एक समय में काफी बदनाम था। हालांकि, समय के साथ ये गांव (Village) इतना बदल गया कि अब इस गांव के लगभग हर घर से कई आईपीएस, आईएएस, पीसीएस आदि हैं। इतना ही नहीं इस गांव के बहुत सारे लोग अन्य अफसरों के पद, वैज्ञानिक, शिक्षक आदि भी हैं।
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हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिले संत कबीरनगर जिले के मेंहदावल कस्बे के गांव एकला शुक्ल (Ekla Shukla/Ekla Sukul) की। एकला शुक्ल एक छोटा सा गांव है और इस गांव की आबादी भी कुल 250 है। हालांकि, यहां युवाओं में शिक्षा का प्रसार और शिक्षा के प्रति जागरूकता काफी है। इस गांव की खासियत ये है कि इस गांव के लगभग हर घर में आईएएस, पीसीएस अफसर, वैज्ञानिक और शिक्षक हैं। इसके अलावा कुछ लोग निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करत रहे हैं।
बताया जाता है कि कई साल पहले इस गांव की हालत भी दूसरे गांवों की तरह पिछड़ा व खस्ता हालत थी, लेकिन यहां के युवा बच्चों ने शिक्षा के महत्व को समझा और धीरे-धीरे शिक्षा की ओर बढ़ने लगे। जिसके बाद देखते ही देखते गांव में प्रतियोगिता का माहौल तैयार हो गया और इसका परिणाम ये हुआ के यहां के युवा सरकारी नौकरियों में एक के बाद एक चयनित होने लगे।
वहीं, बच्चों की इस सकारात्मक नजरिये को बुजुर्गों का भी काफी साथ मिला। गांव के एक बुजुर्ग ने बताया गांव में 1997 में खेती के विवाद में एक शख्स की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद इसी गांव के दर्जनों लोगों को जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद गांव की छवि खराब हो गई, लेकिन समय के साथ युवाओं ने मेहनत की और गांव की छवि को बदल दिया।