-
Advertisement
हिमाचल: बिना बारिश के लोगों के खेतों-घरों में घुसा पानी, किसानों को लाखों का नुकसान
इंदौरा। जिला कांगड़ा के इंदौरा में किसानों की फसल (Farmer Crop) जलमग्न हो गई है। इसका कारण प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना शाहनहर (Shahnahar) का कर्मचारियों द्वारा अपनी मर्जी से पानी छोड़ना है। यह मामला गांव मलकाना से सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीती रात को शाहनहर से बिना मांग के ही कर्मचारियों ने पानी छोड़ दिया। जिससे कई एकड़ भूमि में गेहूं के खेत पानी से लबालब भर गए। गांव निवासी कुलविंद्र सिंहए बलबीर सिंहए दर्शन और मनोहर के घरों में भी पानी घुस गया। ग्रामीण अपनी गेहूं की फसल को बचाने के लिए रात भर भागदौड़ में जुटे रहे। विभाग के कर्मचारियों की इस कारगुजारी को लेकर मलकाना वासियों में भारी रोष है।
यह भी पढ़ें:SJVNL की लूहरी जल विद्युत परियोजना परिसर में सीटू के प्रवेश पर लगी रोक
मलकाना पंचायत उपप्रधान राकेश कुमार मिंटू ने बताया कि शाहनहर विभाग के कर्मियों के कारण उन्हें 2 लाख का नुक्सान हुआ है। मंड के ग्रामीणों सहित राकेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा नहरों पर तैनात किए गए कर्मचारी ड्यूटी देने की बजाय अपने घरों में रहते हैं और जब उनकी मर्जी होती है शाहनहर का पानी छोड़ दिया जाता है। उनकी लापरवाही का खमियाजा किसानों (Farmers) को भुगतना पड़ता है। विभाग के आलाधिकारी भी ऐसे कर्मचारियों पर कोई संज्ञान नही लेते हैं। इस संदर्भ में जब शाहनहर विभाग ठाकुरद्वारा के एसडीओ (SDO) संजय भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लोगों की मांग पर ही पानी छोड़ा गया है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा कचरा नहर में भर देने से ब्लॉकेज आने के कारण कई जगह से पानी ओवरफ्लो (Overflow) होकर खेतों में भरा है।