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कोरोना मरीजों के लिए खतरा बन रहा ब्लैक फंगस क्या है और हिमाचल के लिए क्या राहत है
कोरोना के मामले देश में बढ़ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मचा रखी है। इस बीच अब ब्लैक फंगस के मामले भी सामने आने से चिंता बढ़ना लाजमी है। ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकर माइकोसिस के देश के कई राज्यों में मामले सामने आ रहे हैं। कई मरीजों की मौत भी हुई है। यही नहीं, मरीज की जान बचाने के लिए कई मामलों में मरीज की आंख भी इसमें निकालनी पड़ती है। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) आखिर क्या है और कोरोना काल (Black Fungus and Corona) में इसके मामले क्यों बढ़ रहे हैं।
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क्या है ब्लैक फंगस
जैसा की नाम से ही जाहिर है ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइसिस (Mucormycosis) फंगस एक इंफेक्शन ही है। म्यूकर माइकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण (Infection) होता है। हालांकि आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस फंगस (Fungus) के स्पोर्स या बीजाणु वातावरण में प्राकृतिक रूप में तो मौजूद होते हैं। आमतौर पर इनसे कोई खतरा आपको नहीं होता, लेकिन यदि किसी व्यक्ति की
शरीर की इम्युनिटी कमजोर है तो मामला गड़बड़ हो सकता है। ऐसे हालात में यह जानलेवा भी हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक शुगर के मरीज इस बीमारी के ज्यादा ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इसमें आंख की नसों के पास फंगस इंफेक्शन जमा होता है। इससे आंखों की रोशनी भी चली जाती है, कई केस में मरीज को बचाने के लिए व्यक्ति की आंख निकालनी पड़ती है तो कुछ केस में मरीज की मौत हो जाती है।
क्या है कोरोना से संबंध
दरअसल डॉक्टर बताते हैं कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों को बचाने के लिए बहुत बड़े स्तर पर स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस संक्रमण हो रहा है। आपको बता दें कि स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से कोरोना मरीजों के फेफड़ों में सूजन कम की जाती है। दरअसल, जिस समय मरीज के शरीर की इम्युनिटी सिस्टम कोरोना से लड़ने में अतिसक्रिय होती है तो उस दौरान शरीर को कोई नुक़सान होने से रोकने में स्टेरॉइड्स मदद करते हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि इसके इम्युनिटी कम भी होती है। यह किसी भी डायबिटीज़ या बिना डायबिटीज़ के मरीज़ों में शुगर का स्तर बढ़ा देते हैं। अब डॉक्टरों सहित कई विशेषज्ञों का मानना है कि इम्यूनिटी कमज़ोर पड़ने के कारण म्यूकरमायकोसिस संक्रमण हो रहा है।
क्या कई मुख्य कारण बता रहे डॉक्टर
ब्लैक फंगस के मामले के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन जो डॉक्टरों द्वारा प्रमुख बताए जा रहे हैं उनमें स्टेरायड, एंटी बायोटिक दवाएं, ज्यादा समय तक इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में रहना और हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में रहना ब्लैक फंगस का मुख्य कारण बताया जा रहा है। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि पहले यह संक्रमण सिर्फ उन्हीं कोविड मरीजों तक सीमित था जो गंभीर डायबिटीज, कैंसर के मरीज थे, लेकिन अब सामान्य मरीजों में तीव्र प्रसार का कारण है स्टेरॉयड का विवेकहीन प्रयोग।
हिमाचल के संबंध में आपको बता दें फिलहाल यहां ब्लैक फंगस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने भी इस बारे में हाल ही में बयान दिया था कि हम इस पर नजर बनाए हुए हैं और यहां पर ब्लैक फंगस के मामले फिलहाल नहीं है। उधर, देश में भी ब्लैक फंगस के मामलों में एकाएक तेजी देखी गई है।
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