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पूरी दुनिया से हमें इंटरनेट कैसे जोड़ता है, यहां समझिए इस पूरे अंतरजाल को
Last Updated on April 24, 2022 by sintu kumar
आप दिनभर मोबाइल पर इंटरनेट (Internet) के जरिए कुछ ना कुछ खोजते रहे हैं या फिर सोशल मीडिया के जरिए दूसरे लोगों से जुड़े रहते हैं। इंटरनेट ने हम सबको अपना गुलाम बना लिया है। सुख और दुख दोनों ही स्थिति में हम इंटरनेट से जुड़े हुए होते हैं और अपनी फिलिंग (Filling) को शेयर करते रहते हैं। क्या आपने कल्पना भी की है कि अगर इंटरनेट ना हो तो दुनिया (World) कैसी होगी और हमारे काम कैसे होंगे। क्या आपको पता है कि इंटरनेट कैसे काम करता है। नहीं, तो चलिए आज हम आपको इंटरनेट के बारे में बताते हैं… कैसे यह काम करता है।
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नेटवर्क का जाल है इंटरनेट
इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहते हैं। पूरी दुनिया में इंटरनेट का एक प्रकार का नेटवर्क (Network) का जाल बिछा हुआ है, जिससे अनगनित कम्प्यूटर जुड़े हुए हैं। सर्वर से कम्प्यूटर जुड़े होने के कारण हमें बड़ी आसानी से जानकारी मिल जाती है। इंटरनेट के जरिए हम दुनिया के किसी भी कोने तक अपना संदेश (Massage) या कोई जानकारी कुछ ही समय में भेज सकते हैं। इंटरनेट की फुल फॉर्म इंटरकनेक्टेड नेटवर्क (Interconnected Network) है। इंटरनेट दो प्रकार का होता है एक इंट्रानेट और दूसरा एक्स्ट्रानेट (Extranet)
इंट्रानेट
इंट्रानेट एक प्राइवेट नेटवर्क (Private Network) होता है। इंट्रानेट का इस्तेमाल अधिकतर कंपनियां अपने कम्प्यूटर को सुरक्षित तरीके से कनेक्ट करने के लिए करती है। इंट्रानेट (Intranet) का यूज़ किसी भी डाटा को सुरक्षित ट्रांसफर करने के लिए लिए किया जाता है। इंट्रानेट को चलाने के लिए यूजर पासवर्ड कि आवश्यकता होती है।
एक्स्ट्रानेट
एक्स्ट्रानेट भी एक प्राइवेट नेटवर्क होता है। यह पब्लिक नेटवर्क की सहायता से डाटा शेयर (Data Share) करने में माध्यम का काम करता है। इंट्रानेट की ही तरह एक्सट्रानेट को भी चलाने के लिए यूजर, पासवर्ड (User, Password) की आवश्यकता होती है।
इंटरनेट कैसे काम करता है
आपको बता दे इंटरनेट केबल (Cable) के सहारे काम करता है। डाटा एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रांसफर करने के लिए समंदर में केबल बिछाई जाती है, ये केबल Mobile Tower से जुड़ी होती है। इसके बाद टावर से सिग्नल के जरिये इंटरनेट मिलता है। बता दे कुछ कंपनियों ने समंदर में फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) बिछा रखी है ये केबल एक देश के सर्वर को दूसरे देश के सर्वर से जोड़ती है।
ऐसे कंपनी को टीएर-1 कहा जाता है। इस काम के लिए जो फाइबर ऑप्टिक केबल यूज़ की जाती है वो भूकंप प्रतिरोधी (Earthquake Resistant) होती है जो पानी में जल्दी ख़राब भी नहीं होती। दुनिया में 7 ऐसी कंपनी हैए जो पूरी दुनिया के इंटरनेट को कंट्रोल करती है। इन 7 कंपनियों में टाटा कम्युनिकेशन (Tata Communication) का नाम भी शामिल है।
इंटरनेट का इतिहास
सबसे पहले 1969 में अरपानेट (Arpanet) नाम से एक नेटवर्क स्थापित किया गया, जिसे कि चार यूनिवर्सिटी के कंप्यूटरों को जोड़कर बनाया गया था। यह अमेरिकी सेना के लिए बनाया गया था इसके बाद 1972 तक अरपानेट में 37 कंप्यूटर जुड़ चुके थे। शुरुआत में इंटरनेट को गोपनीय जानकारी भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। 1982 में नेटवर्क के लिए सामान्य नियम बनाए गए इन नियमों को प्रोटोकॉल कहा गया। 1990 में अरपानेट को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया गया और इस नेटवर्क को इंटरनेट नाम दिया गया।
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