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Jagannath Rath Yatra:मजार के सामने क्यों रुक जाते हैं भगवान जगन्नाथ के रथ के पहिए
Last Updated on June 20, 2023 by sintu kumar
ओडिसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ तीन रथों में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। इस भव्य आयोजन के साक्षी लाखों लोग बनते हैं। रथ यात्रा की खास बात ये है कि भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे पीछे चलता है। उनकी छोटी बहन सुभद्रा का रथ बीच में और बड़े भाई बलराम का रथ सबसे आगे चलता है । मान्यता है कि जो भी मनुष्य एक बार भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी को हाथ लगा देता है वह भव सागर से तर जाता है। यूं तो इस भव्य आयोजन की बहुत सारी खास बातें हैं पर उनमें से एक आज हम आप को बताने जा रहे हैं। कहते हैं कि भगवान का रथ जब नगर भ्रमण के लिए निकलता है तो उसके पहिये एक मजार के सामने आकर रुक जाते हैं।
भक्त सालबेग का भगवान जगन्नाथ से नाता
इस मजार से जुड़ा एक वाक्या है जो काफी अहम है। सालबेग नाम का एक मुस्लिम भगवान जगन्नाथ का बड़ा भक्त था। एक दिन भगवान जगन्नाथ ने अपने इस भक्त को सपने में आकर दर्शन दिए और प्रभु के दर्शन पाते ही सालबेग ने प्राण त्याग दिए। इस घटना के बाद जब जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा निकाली जा रही थी तभी नगर भ्रमण के दौरान रथ का पहिया अचानक मजार के सामने आकर रुक गया। इस दौरान रथ यात्रा में मौजूद हजारों-लाखों लोगों की भीड़ ने भगवान जगन्नाथ से उनके भक्त सालबेग की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, उसके बाद ही रथ नगर भ्रमण के लिए आगे बढ़ा। तब से यह परंपरा आज तक चली आ रही है।