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विश्व बैंक ने प्रदेश के लिए 2500 करोड़ रुपए के ग्रीन रेजीलिएंट इंटेग्रेटिड प्रोग्राम में दिखाई रूचि
शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने सोमवार को यहां दक्षिण एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक (सतत विकास) जॉन रूमे के नेतृत्व में विश्व बैंक की टीम के साथ बैठक की। इस दौरान प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की अवधारणा पर चर्चा की। इस दौरान विश्व बैंक की सहायता से वर्ष 2025 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों पर भी चर्चा की गई। विश्व बैंक की टीम ने प्रदेश के लिए ग्रीन रेजीलिएंट इंटेग्रेटिड प्रोग्राम (Green Resilient Integrated Program) पर विशेष रूचि दिखाई जिस पर लगभग 2500 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। यह राशि तकनीकी समीक्षा के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है।
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बता दें कि सीएम सुक्खू ने अपने हमीरपुर दौरे को बीच में छोड़ कर शिमला में वर्ल्ड बैंक फंडेड प्रोजेक्टों (world bank funded projects) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। वर्ल्ड बैंक की टीम के अधिकारियों से इस प्रोजेक्ट की फीडबैक ली। अब रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। इस प्रोजेक्ट की समय अवधि इस साल जून में पूरी हो रही हैं। इसे बढ़ाया जाना है या नहीं, इस पर केंद्र सरकार फैसला (Center Govt) लेगी। बैठक में कई अन्य प्रोजेक्टों पर भी समीक्षा बैठक में चर्चा हुई। इसमें पर्यावरण, इलेक्ट्रिक व्हीकल, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान शिमला में चल रहे 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट का भी रिव्यू किया गया।
बैठक के बाद सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि विश्व बैंक की टीम के इस दौरे के सफल परिणाम सामने आएंगे जिससे प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को पाने में सहायता मिलेगी। प्रदेश सरकार ने आगामी नौ महीनों में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार वर्ष 2024 के अंत तक 500 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण पर कार्य कर रही है। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है जिससे प्रदेश का वातावरण भी संरक्षित रहेगा।