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17th Karmapa की भारत वापसी को लेकर नया मूव, किसने लिखा PM को पत्र-पढ़ें
Last Updated on August 14, 2020 by
सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग (Sikkim CM Prem Singh Tamang) ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा है कि 17 वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे (17th Karmapa Ogyen Trinley Dorjee) की भारत वापसी की अनुमति दे देनी चाहिए। हाल ही में सीएम ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) को लिखित में आग्रह किया है कि सिक्किम में आध्यात्मिक गुरु के भक्त उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इंतजार कर रहे हैं। तमांग ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर कहा कि करमापा के भक्त उनके सर्वोच्च प्रमुख का दर्शन करना चाहते हैं और सिक्किम के लोग उनकी प्रारंभिक यात्रा के लिए उत्साहित हैं।
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करमापा मई 2017 में भारत छोड़ने के बाद से, मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) में एक विस्तारित प्रवास पर हैं। इसी दौरान करमापा ने पहले घोषणा की थी कि उन्होंने डोमिनिका (Dominica) के राष्ट्रमंडल की नागरिकता हासिल कर ली है और उसी का पासपोर्ट प्राप्त किया है। तब से लेकर उनकी भारत लौटने की स्थिति जटिल होकर रह गई है। 17 वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे चीनी सेना (Chinese Army) को चकमा देते हुए 28 दिसंबर, 1999 को तिब्बत के त्सुरफू मठ से भागकर 5 जनवरी, 2000 को लगभग 1,100 किमी की दूरी पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradsh) के धर्मशाला (Dharamsala) पहुंचे। भारत सरकार ने उन्हें आश्रय प्रदान करते हुए उनके रूकने के लिए धर्मशाला से सटे ग्यूतो मठ में खुफिया विभाग और पुलिस की कड़ा पहरा बिठाया।
भारत आने के कई वर्ष तक भी करमापा को ग्यूतो मठ से भी बिना अनुमति के बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन जैसे ही उन्हें वर्ष 2017 में अमेरिका जाने की अनुमति दी गई, वह लौटकर नहीं आए। इस बीच कई मर्तबा उनकी वापसी की बात हुई, पर मामला लटकता चला गया। अब ताजा मामले में सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी वापसी की पैरवी करते हुए सिक्किम आने के लिए भी उन्हें अनुमति देने की बात कही है। करमापा की सीट सिक्किम के रूमटेक (Rumtek monastery in Sikkim) में हैं, लेकिन वह भारत आने के बाद भी वहां कभी जा नहीं पाए। चूंकि उन्हें वहां जाने की इजाज़त ही नहीं मिली।