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High Court के आदेश, स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टरों को बताएं पढ़ने योग्य भाषा में लिखें MLC
Last Updated on July 6, 2020 by Deepak
शिमला। दो लोगों के बीच लड़ाई होने का मुख्य कारण हमेशा जाति या धर्म ही नहीं होता। मगर फिर भी आमतौर पर इस तरह की लड़ाईयां सांप्रदायिक दंगे का रूप धारण कर लेती हैं। सिरमौर के माजरा में जानलेवा हमले से जुड़े मामले के 9 आरोपियों को जमानत देते हुए न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने उपरोक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उक्त मामले में भी प्रथम दृष्टया इस तरह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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साथ ही न्यायालय (Court) ने निदेशक (स्वास्थ्य) को आदेश दिए कि वह डॉक्टरों को निर्देश जारी कर बताएं कि आपराधिक मामलों में चिकित्सा कानूनी मामलों (एमएलसी) में टिप्पणियों, निष्कर्षों और राय पर तैयार दस्तावेज को पढ़ने योग्य भाषा में लिखें, ताकि न्यायालय के साथ-साथ अन्य जिन्हें एमएलसी (MLC) को समझने की जरूरत है, उसे आसानी से समझ सके। कोर्ट ने मामलों की सुनवाई के दौरान पेश की एमएलसी का अवलोकन करते हुए पाया कि एमएलसी ना केवल अदालत बल्कि एडवोकेट जनरल (Advocate General) व पुलिस (Police) अधिकारियों की समझ से भी परे है।