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हिमाचल में बना कफ सिरप पीने से बद्दी की दो वर्षीय बच्ची की Kidney फेल; इसी दवा ने ली थी 10 बच्चों की जान
सोलन। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में निर्मित कफ सिरप (cough syrup) पीने से बद्दी निवासी एक 2 वर्षीय बच्ची की किडनी (Kidney) फेल हो गई है। बीते 20 दिनों से पीजीआई (PGI) चंडीगढ़ में इस बच्ची का इलाज चल रहा है। बच्ची को आईसीयू (ICU) में भर्ती किया गया है, जहां वो जिंदगी की जंग लड़ रही है। जांच किए जाने पर पता चला है कि इस सिरप में वही दवा पाई गई है, जिससे बीते साल जम्मू के रामनगर में नौ बच्चों की मौत हो गई थी। इस दवा को हिमाचल प्रदेश की दवा निर्माता कंपनी डिजिटल विजन ने बनाया था।
सीडीएससीओ ने ने हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखकर किया आगाह
वहीं, जिस दवा के चलते इस बच्ची की किडनी फेल हुई है, उसका निर्माण भी इसी कंपनी द्वारा किया गया है। हिमाचल सरकार ने फरवरी में भी इसी कंपनी डिजिटल विजन के खिलाफ खांसी की एक मिलावटी दवा कोल्डबेस्ट-पीसी कफ सिरप बेचने का मामला दर्ज किया था, जिसके कारण जम्मू में नौ बच्चों और हरियाणा में एक की मौत हो गई थी। बतौर रिपोर्ट्स, सिरप की कुल 2,992 बोतलों में से 2,972 अब तक बेची जा चुकी हैं। यह स्टॉक कोलकाता, बेंगलुरू सहित अन्य शहरों में भेजा गया है, इसलिए संबंधित राज्य एफडीए को अपने यहां इस दवा की खपत रोकने के उपाय करने के लिए सूचित किया गया है। पीजीआई चंडीगढ़ से मिली शिकायत के बाद राज्य दवा नियामकों से देशभर में दवा के नमूनों की जांच करने और इसकी बिक्री रोकने को कहा है।
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भारत के शीर्ष नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) अरविंद कुकरेती ने हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखकर इस कार्यालय के दवा निरीक्षकों को क्षेत्र में कथित दवा की तलाश करने का निर्देश दिया गया है। सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हमने हाल में दवा की बिक्री पर राज्य दवा नियामकों से डाटा प्राप्त करना शुरू कर दिया है, वे सभी एक दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं और मामले पर संयुक्त जांच कर रहे हैं