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Birdflu पौंग झील में 280 और पक्षियों की मौत, वेटलैंड बनती जा रही डेथलैंड
धर्मशाला। हिमाचल की पौंग झील (Pong lake) में पक्षियों के मरने (Death) का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को कांगड़ा जिला की इस वेटलैंड (Wetland) में 280 पक्षी फिर से मृत मिल है। पौंग झील में बर्ड फ्लू (Birdflu) से पक्षियों के मरने की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। ऐसे में जाहिर है कि नए पक्षियों (Birds) की मौत भी बर्ड फ्लू से ही हुई होगी। पौंग झील में अब तक हजारों पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत हो चुकी है।
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बर्ड फ्लू के चलते पौंग झील के एक किलोमीटर तक के एरिया को नो मैन लैंड जोन घोषित किया गया है, जबकि नौ किलोमीटर तक के एरिया को सर्विलांस जोन बनाया गया है। लगातार पक्षियों की मौत ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि कांगड़ा जिला को छोड़ अन्य जिलों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पौंग झील में प्रवासी पक्षियों का डेरा रहता है इसलिए अन्य जगहों पर भी बर्ड फ्लू फैलने की आशंका लगातार बनी हुई है।
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बर्ड फ्लू के चलते कांगड़ा जिला के चार उपमंडल में मछली, चिकन, अंडा और मीट पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। पौंग बांध में अब तक चार हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार भी बर्ड फ्लू को लेकर हिमाचल की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इसी कड़ी में आजद वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने केंद्र सरकार की एक बैठक में भाग लिया। बताया जा रहा है कि इसमें बर्ड फ्लू और इसके संकट से निपटने के लिए तैयारियों पर चर्चा की गई।