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कृषि कानूनों की IMF की मुख्य अर्थशास्त्री ने की प्रशंसा, बोलीं-इनमें Farmers की आय बढ़ाने की क्षमता
Last Updated on January 27, 2021 by Sintu Kumar
नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर भारत में जारी विवाद के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) का बड़ा बयान आया है। गीता गोपीनाथ ने कहा है कि नए कृषि कानूनों (New Agricultural Laws) से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। कृषि कानूनों में किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कमजोर और छोटे किसानों (Small Farmers) को सामाजिक सुरक्षा देने की भी जरूरत है। गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत में कृषि सुधारों की जरूरत है।
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ के मुताबिक ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जिनमें सुधार की जरूरत है। कृषि कानूनों पर पूछे गए सवाल का जवाब में गीता गोपीनाथ ने कहा कि कृषि कानून विशेष तौर पर मार्केटिंग से संबंधित हैं। इसने किसानों के लिए बाजार खड़ा होगा। वो बिना टैक्स दिए मंडियों के अलावा अन्य जगहों पर अपनी फसल बेच सकते हैं। उन्होंने कि हमारे मुताबिक इनमें किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है। गीता गोपीनाथ ने कहा कि जब भी कोई सुधार होता है तो बदलाव की एक कीमत चुकानी होती है। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इससे कमजोर किसानों को कोई नुकसान नहीं हो। इसके लिए ऐसे किसानों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि देखना होगा कि इसका क्या नतीजा रहता है।
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क्या है आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। इसका मुख्यालय अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में है। आईएमएफ के कुल 186 सदस्य देश हैं। भारत की गीता गोपीनाथ इसकी मुख्य अर्थशास्त्री हैं।