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कांगड़ा में खूनी झड़प में घायल की पीजीआई में मौत, परिजनों ने दिया मिनी सचिवालय के बाहर धरना
Last Updated on June 19, 2021 by saroj patrwal
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा शहर से सटे बीरता गांव में जमीनी विवाद ( land dispute) के चलते हुई खूनी झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए 53 वर्षीय सुभाष की मौत (Death) हो गई है। शुक्रवार सुबह हुई इस झड़प में राकेश कुमार, ऊमा शंकर व सुभाष चन्द घायल हुए थे जिनको डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा से पीजीआई चंडीगढ रेफर किया था, इन में से एक सुभाष चंद की आज सुबह सात बजे मौत हो गई जबकि राकेश नामक दूसरे व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि ऊमा शंकर का इलाज टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी चल रहा है। इस मामले में तीन महिलाओं सहित 9 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
परिजनों ने दिया कांगड़ा में धरना
जैसे ही सुभाष की मौत की सूचना परिजनों को मिली , सभी लोग एकत्र हो कर कांगड़ा के मिनी सचिवालय के बाहर धरना देने पहुंच गए। परिजन हत्यारों को सज़ा व मृतक को इन्साफ दिलाए जाने की मांग कर रहे थे। परिजनों ने पुलिस पर भी उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है । एसडीएम कांगड़ा अभिषेक वर्मा व डीएसपी कांगड़ा सुनील राणा ने भी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायज़ा लिया
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उधर, डीएसपी कांगडा सुनील ने सुभाष की मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि,अब इस मामले में दर्ज केस में आईपीसी की धारा 302 भी जुड़े गी। उनका कहना है कि सुभाष की मौत आज सुबह करीब सात बजे पीजीआई चंडीगढ़( PGI Chandigarh) में हुई। उसका वहीं पर पोस्टमार्टम होगा,उसके बाद उसके शव को कांगड़ा लाया जाएगा। याद रहे कि शुक्रवार को हुए झगड़े के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 व अन्य के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन अब इस मामले में एक की मौत हो गई है, इसलिए इसमें धारा 302 भी जुड़ेगी। इस मामले में कुल नौ लोग नामजद हैं।
ये था पूरा मामला
बीरता में दो परिवारों की काफी समय से जमीनी विवाद चला हुआ था। पीड़ित परिवार का कहना है उन्होंने गुरुवार को पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद शुक्रवार सुबह आरोपियों ने घर में घुसकर हमला कर तीन लोगों को घायल कर दिया। इस पर गुस्साए लोगों शुक्रवार को ही कुछ देर बाद सड़क जाम कर दी। लोगों का आरोप था कि पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो हमला नहीं होता। इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन मौके पर पहुंचे थे।
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