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चंबा के लाहड़ू चेकपोस्ट पर पुलिस ने कार सवारों से पकड़ा कुछ ऐसा कि देखकर उड़ गए होश
Last Updated on June 20, 2021 by Sintu Kumar
चंबा। हिमाचल प्रदेश में वन जीवों के अंगों की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। तेंदुए की खालों के बाद हिमाचल का राज्य पक्षी रह चुके मोनाल की कलगी व पंख ( Monal’s crest and feather) बरामद किए है। पुलिस थाना चुवाड़ी की टीम ने लाहड़ू चेकपोस्ट पर एक कार से मोनाल की छह कलगी पकड़ी है। हालांकि इस बात की पुष्टि फॉरेंसिक जांच के बाद होनी है कि ये कलगी मोनाल की है या मोर की। पुलिस की एक टीम मुख्य आरक्षी विपन कुमार की अगुवाई में रविवार सुबह के समय वाहनों की नियमित चेकिंग कर रही थी। इस दौरान सलूणी से एक ऑल्टो कार आई। इसमें चार लोग वार थे। पुलिस टीम ने जब कार तलाशी ली तो उसमें से मोनाल पंख समेत छह कलगी बरामद हुईं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई अमल में लाते हुए कलगी सहित मोनाल पंखों को अपने कब्जे में लिया। साथ ही वन्य जीव संरक्षण की धारा 51 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इन में से तीन लोग सलूणी व एक कुल्लू जिला का रहने वाला है।
मोनाल के शिकार पर पूरी तरह प्रतिबन्ध
डीएसपी डलहौजी विशाल वर्मा ने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना चुवाड़ी में मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है। आरोपियों से कलगी व पंख के बारे में गहनता के साथ पूछताछ की जा रही है। उधर इस संदर्भ में जब वन विभाग के डलहौजी स्थित डीएफओ कमल भारती से संपर्क किया गया तो उन्होंने मामले की पुष्टि करते हुए बताया संभावना है कि यह कलगी मोनाल की है तथा इसकी पुष्टि फॉरेंसिक जांच के बाद ही हो पाएगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल का राज्य पक्षी रह चुके मोनाल के शिकार पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है तथा फोरेस्ट एक्ट 1972 की धारा 51 के तहत यह गैर जमानती अपराध है
दुर्लभ पक्षी का वजूद खतरे में
चंबा के प्रवेश द्वार लाहडू में पकड़ी गई, प्रदेश के राज्य पक्षी रह चुके मोनाल की कलगी के मामले में साफ हो गया है कि यह दुर्लभ पक्षी सख्त कानून के बावजूद खतरे में है। हिमाचल प्रदेश का पूर्व राज्य पक्षी होने के चलते यह पक्षी संरक्षित है तथा इसका शिकार करना प्रतिबंधित होने के बावजूद इसका शिकार जारी है। चंबा के सिल्लाघ्राट तथा कबायली क्षेत्र भरमौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह पक्षी पाया जाता है। राज्य पक्षी रह चुके मोनाल की कलगी को प्रतिष्ठा स्वरूप टोपी पर लगाने की परंपरा रही है। इसके बाद राज्य पक्षी का तगमा मिलने के बाद इसका शिकार प्रतिबनधित करने के साथ कानून के खौफ के चलते यह परम्परा भी खत्म हो गई। बताते चलें कि इसके लिए इस पक्षी का शिकार तक होता रहा है। यह दुर्लभ प्रजाति भी है। हिमालयन मोनाल उत्तराखंड का भी राज्य पक्षी है। हिमाचल प्रदेश के वन विभाग ने मोनाल पक्षी की कलगी को टोपी पर लगाकर पहनने पर रोक लगा दी है। मोनाल हिमालय के बर्फ वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। जिला में यह कबायली क्षेत्र भरमौर, सिल्लाघ्राट के ऊपरी क्षेत्रों के अलावा ऊंचाई वाले एरिया में मिलता है। वहीं कानून से बेखौफ लोग अवैध रूप से इसका शिकार कर इसे कमाई का जरिया बना चुके हैं।