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DOCTORS DAY 2022: इस परिवार का हर सदस्य है डॉक्टर, 1920 से चली आ रही ये परंपरा
Last Updated on July 1, 2022 by sintu kumar
धरती पर डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है। डॉक्टर कई गंभीर बीमारियों का इलाज करके मरीजों को नई जिंदगी देते हैं। आज का दिन यानी एक जुलाई को डॉक्टर्स डे (Doctors Day) के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टर्स डे के मौके पर आज हम आपके एक ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे, जिसका हर सदस्य पिछले 100 साल से डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा कर रहा है।
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हम बात कर रहे हैं दिल्ली के सब्बरवाल परिवार की। बता दें कि इस परिवार से साल 1920 से लेकर अब तक देश को 150 डॉक्टर दिए हैं। इस परिवार के लोग इस पेशे को एक मिशन के रूप में देखते हैं। इस परिवार के सबसे पहले डॉक्टर लाला जीवनमल थे। उन्होंने पाकिस्तान के जलालपुर शहर में एक अस्पताल की शुरुआत की थी। वे महात्मा गांधी से प्रेरित थे, जिन्होंने कहा था कि इस देश का भविष्य शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
बताया जाता है कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर लाला जीवनमल ने अपने चारों बेटों को डॉक्टर बनाने का फैसला किया। आजादी के बाद उनका परिवार फिर दिल्ली में आ गया और उसके बाद से आज भी इस परिवार की डॉक्टर बनने की परंपरा जारी है। ये परंपरा पिछले 102 वर्षों से चल रही है, लेकिन ये इतना आसान नहीं है।
इस परिवार की बहू डॉ. ग्लॉसी सब्बरवाल बताती हैं कि हमारे परिवार के एक बेटे अंकुश सब्बरवाल ने मैनेजमेंट की डिग्री के लिए पढ़ाई शुरू की, लेकिन दादी की भावनात्मक अपील और परिवार के माहौल को देखते हुए उसने मैनेजमेंट की पढ़ाई छोड़कर मेडिकल प्रोफेशन को अपनाया। अब वे एक सफल सर्जन है।
डॉ. ग्लॉसी ने बताया कि ये लोग दिल्ली में जीवनमल अस्पताल चलाते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पैसे ना होने पर भी मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां से किसी भी मरीज को पैसे ना होने की वजह से लौटाया नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को इस पेशे में आने के लिए राजी करना बहुत मुश्किल है। ये पेशा बहुत ज्यादा मेहनत और बलिदान मांगता है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि परिवार की होने वाली बहुएं भी डॉक्टर होंगी और पारिवारिक अस्पताल में शामिल होंगी।