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श्रीखंड कैलाश यात्रा पर जाना चाहते हैं- कुछ ये काम करने होंगे
छविंद्र शर्मा। आनी। उत्तरी भारत की सबसे कठिनतम श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा (Shrikhand Mahadev Kailash Yatra) 11 जुलाई से 24 जुलाई तक आयोजित की जा रही है। ग्राम पंचायत चायल की प्रधान सुषमा हंस ने बताया कि कोरोना काल के कारण इस वर्ष दो वर्ष के अंतराल के बाद श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी। जिसके लिए निरमंड के जाओ गांव से सिंहगाड बेस कैंप तक सड़क व पैदल रास्ते ठीक कर दिए गए है। जिससे बेस कैंप तक पहुंचना आसान हो गया है।
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प्रधान सुषमा बंसल ने बताया कि यात्रा के बेस कैंप सिंहगाड तक सड़क बनने से श्रीखंड यात्रा की दूरी लगभग एक घंटा कम हुई है। बेस कैंप सिंहगाड में 11 जुलाई से सभी श्रीखंड यात्रियों का पंजीकरण किया जाएगा। जबकि मेडिकल टीम प्रत्येक श्रद्धालु के स्वास्थ्य की जांच भी करेगी। सुषमा हंस ने सभी यात्रियों से आग्रह किया है कि यात्रा मार्ग में कूड़ा-कचरा, बिस्कुट, चॉकलेट के रेपर प्लास्टिक इत्यादि खुले में ना फैंके। पैदल रास्ते में खुले में शौच आदि ना करें। यात्रियों के लिए मार्ग में अस्थाई शौचालय भी बनाए गए है। यात्रियों को पीने के पानी की व्यवस्था अंतिम बेस कैंप पर्वतीबाग तक मिलेगी।
श्रीखंड ट्रेकिंग यूनिट के संचालक दिलीप ठाकुर ने कहा कि इस बार श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा में आने-जाने वाले यात्रियों के लिए स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया है। जिसमें सभी श्रद्धालुओं को आनंद मिलेगा। सिंहगाड बेस कैंप में स्वागत द्वार पर सभी श्रद्धालुओं के लिए 1 जुलाई से निशुल्क भंडारा शुरू किया जाएगा, जिसमें चाय, पानी, नाश्ता, खाना व मिष्ठान की निशुल्क व्यवस्था शुरू कर दी गई है। रविवार को प्रधान ने पैदल रास्तों का निरीक्षण भी किया। श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की ओर से रास्तों को ठीक कर दिया गया है। 11 जुलाई से सभी यात्री आराम से यात्रा पूरी कर सकेंगे।