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इस मंदिर में की जाती है कुत्ते की पूजा, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
आपने मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा होती तो सुना होगा पर क्या आपने कुत्तों की पूजा होते भी सुना है। है ना अजीब बात। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान नहीं बल्कि कुत्तों की पूजा की जाती है।
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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिकंदराबाद (Sikandrabad) में करीब 100 साल पुराना एक मंदिर है। यहां पर कुत्ते की कब्र की पूजा होती है। होली और दिवाली पर यहां मेला भी लगता है। वहीं, सावन और नवरात्र में यहां भंडारा भी लगाया जाता है।
माना जाता है कि यहां हर मनोकामना पूरी होती है और यही कारण है कि इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। यह मंदिर के साधु लटूरिया बाबा के कुत्ते को समर्पित है। कहा जाता है कि जब साधु लुटरिया ने प्राण त्यागे थे तो इस कुत्ते ने भी यहीं जान दे दी थी।
बता दें कि ऐसा ही एक मंदिर गाजियाबाद के चिपियाना गांव में स्थित है। यह मंदिर भैरव बाबा का है। इस मंदिर में कुत्ते की समाधि बनी हुई है। यह भी भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। लोग यहां प्रसाद चढ़ाते हैं और मन्नतें मांगते हैं। यहां एक पानी की टंकी भी बनी हुई है, जिसमें नहाने से कुत्ते के काटने का असर खत्म हो जाता है।