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मां बज्रेश्वरी किसके सिर हाथ रखेगी इस मर्तबा देखना होगा
Last Updated on October 5, 2022 by saroj patrwal
मुहम्मद गजनवी की लूट का शिकार रहे कांगड़ा की पहचान मां बज्रेश्वरी देवी (Bajreshwari Devi) से होती है। नगरकोट नाम से कभी जाने वाले कांगड़ा में साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के सबसे बड़े जिले का नाम भी कांगड़ा (Kangra)से ही है। विधानसभा में यहां से 15 सीटें हैं। सरकार बनाने में सबसे ज्यादा महत्व इसी जिला का रहता है। विधानसभा के चुनाव की तैयारी है तो कांगड़ा की चर्चा करना भी जरूरी है। कांगड़ा विधानसभा सीट (Kangra Assembly Seat ओबीसी बहुल सीट (OBC Majority Seat) कहलाती है। वर्ष 2017 में कांग्रेस (Congress) ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2017 में यहां कुल 43.70 प्रतिशत वोट पड़े थे, इस सीट से कांग्रेस के पवन काजल ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के संजय चौधरी को 6,208 वोटों के मार्जिन से हराया था। जबकि डॉ राजेश शर्मा (Dr Rajesh Sharma) तीसरे स्थान पर रहे थे।
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पवन काजल ने वर्ष 2012 में इस सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा की चौखट पार की थी। वर्ष 2017 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हालांकि, अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़कर पवन काजल ने बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर ली। जिसके बाद से इस सीट पर कांग्रेस का अभी तक प्रत्याशी कौन होगा कुछ पता नहीं है। इस सीट पर कुल 80, 634 मतदाता हैं, जिसमें 40, 557 पुरुष मतदाता और 40, 077 महिला मतदाता शामिल हैं। कांगड़ा को राजाओं की कर्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर एक किला भी है,जो कटोच वंश से ताल्लुक रखता है।कांगड़ा में अबकी मर्तबा मुकाबला त्रिशंकु रहने की संभावना है। चूंकि पवन काजल (Pawan Kajal) के बीजेपी में आ जाने से बहुत सारे नेता नाराज चल रहे हैं। देखना होगा कि इस मर्तबा यहां क्या समीकरण बैठते हैं।