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हिमाचल में बीजेपी की करारी हार, जयराम सरकार के 8 मंत्री हुए चारों खाने चित्त
Last Updated on December 8, 2022 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव के रिजल्ट सामने आते ही बीजेपी के मिशन रिपीट (Mission Repeat) का सपना धरा का धरा रह गया। आम प्रत्याशियों की बात तो छोड़ो जयराम सरकार (Jai के 8 कैबिनेट मंत्री भी जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। प्रदेश में सीएम जयराम ठाकुर सहित पूरी बीजेपी प्रदेश में रिवाज बदलने की बात कर रही थी, लेकिन कांग्रेस ने जनता के दिलों को छूने वाले मुद्दों को उठाया और प्रदेश में लगभग 40 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए हिमाचल में रिवाज कायम रखने में सफलता हासिल की।
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इन चुनावों में जेपी नड्डा के साथ साथ अनुराग ठाकुर, सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) सहित प्रदेश सरकार के 11 मंत्रियों की साख दांव पर लगी थी। लेकिन जनता ने जब अपना फैसला सुनाया तो प्रदेश सरकार के 8 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। बीजेपी की मात्र तीन मंत्री ही जीत दर्ज कर सके। जिसमें खुद सीएम जयराम ठाकुर, विक्रम ठाकुर व सुखराम चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा आठ अन्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, राकेश पठानिया, गोविंद सिंह ठाकुर, वीरेंद्र कंवर, सरवीन चौधरी, राजेन्द्र गर्ग, रामलाल मार्कंडेय और राजीव सैजल अपनी सीट नहीं जीत पाए और बुरी तरह से हार गए। बता दें कि शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) को शिमला शहरी की जगह इस बार कसुम्पटी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बनाया था। उन्हंे हार का सामना करना पड़ा। सुरेश भारद्वाज को कांग्रेस के अनिरूद्ध सिंह ने 10 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात दी। इसी तरह बीजेपी के तेज तर्रार मंत्री और नूरपुर के विधायक रहे वन मंत्री रहे राकेश पठानिया को इस बार फतेहपुर से चुनावी मैदान मंे उतारा था। उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार भवानी सिंह पठानिया ने हरा दिया। भवानी को 33238 वोट मिले जबकि राकेश पठानिया को 25884 वोट मिले।
तीन बार जीत हासिल कर चुके गोविंद को भुवनेश्वर गौड़ ने दी पटकनी
इसी तरह से गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) भी मनाली विधानसभा सीट से हार गए। तीन बार लगातार जीत हासिल कर चुके गोविंद सिंह ठाकुर बीते 15 सालों से अपनी पकड़ बनाए हुए थे, लेकिन इस बार गोविंद सिंह ठाकुर को कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ ने हरा दिया। वहीं ग्रामीण विकासए पंचायती राजए कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन विभाग के मंत्री रहे वीरेंद्र कंवर भी जीत नहीं सके। कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र कुमार भुट्टो ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है।
मेजर सिंह मानकोटिया का साथ भी नहीं आया काम, हारी सरवीन
बीजेपी की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी भी इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाई। शाहपुर विधानसभा सीट पर उन्हें इस बार मेजर सिंह मानकोटिया का भी साथ मिला था, लेकिन फिर भी वह चुनाव हार गईं। कांग्रेस उम्मीदवार केवल सिंह पठानिया ने इस बार सरवीन चौधरी को लगभग 12 हजार वोटों से हरा दिया। वहीं कसौली विधानसभा सीट से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल भी हार गए। इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद राजीव सैजल को कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हरा दिया है।
करीबी मुकाबले में हारे मार्कंडेय
जयराम सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रहे राजेन्द्र गर्ग घुमारवीं विधानसभा सीट से हारे। यहां कांग्रेस के राजेश धर्माणी 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। वहीं बीजेपी के तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मार्कंडेय भी जिला लाहुल स्पीति की एकमात्र सीट का मुकाबला हार गए। हालांकि, यह मुकाबला काफी दिलचस्प रहा। रामलाल मार्कंडेय लगभग 1700 मतों से हारे। कांग्रेस के रवि ठाकुर ने यहां जीत हासिल की है।