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शिमला नगर निगम के वार्ड पुनर्सीमांकन चुनाव आयोग ने सही ठहराया
Last Updated on March 28, 2023 by sintu kumar
शिमला। चुनाव आयोग ने शिमला नगर निगम ( Shimla Municipal Corporation) के वार्ड पुनर्सीमांकन को सही ठहराया है। हाईकोर्ट(High Court) में आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के साथ-साथ पुराना पुनर्सीमांकन तरीका सही है। इसके पीछे दलील दी गई है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ही वार्डों का पुनर्सीमांकन किया गया है। कोविड के कारण अभी तक कोई नई जनगणना के आकड़े नहीं मिले हैं, जिससे वार्डों के पुनर्सीमांकन की आवश्यकता हो। मामले पर सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष हुई।
आगामी सुनवाई पांच अप्रैल को होगी
प्रार्थी राजेंद्र ठाकुर और श्रवण कुमार ने वार्डों की संख्या घटाने और पुनर्सीमांकन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। दलील दी गई है कि नगर निगम के वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के साथ-साथ पुराना पुनर्सीमांकन तरीका असंवैधानिक है। वार्डों की संख्या घटाना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों और हिमाचल प्रदेश नगर निगम (चुनाव) नियम, 2012 का सरासर उल्लंघन है। दलील दी गई कि वार्डों को 34 से बढ़ाकर 41 करने की प्रक्रिया कानूनन पूरी की गई थी। इस प्रक्रिया में चुनाव संबंधी सभी नियमों का पालन किया गया था। ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने का कोई औचित्य नहीं था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई है कि हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार नए सिरे से पुनर्सीमांकन प्रक्रिया को पूरा करने के आदेश जारी किए जाए। मामले पर आगामी सुनवाई पांच अप्रैल को निर्धारित की गई है।