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मंडी: देवी-देवताओं के नाम भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पर बनी एसओपी
मंडी। मंडी जिला प्रशासन ने जिले में पंजीकृत देवी-देवताओं (Registered Deities) के मूल स्थानों/मंदिरों के साथ लगती सरकारी/वन भूमि से 10-10 बिस्वा भूमि मांग के अनुरूप देवी-देवता के नाम करने के मामलों में एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तय की है। एसओपी का निर्धारण सर्व देवता समिति मंडी के साथ बैठक में किया गया।
डीसी अरिंदम चौधरी ने उपमंडलवार प्राप्त मामलों पर विस्तार से चर्चा की और वस्तुस्थिति का ब्योरा लिया। उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिले में मांग के अनुरूप देवी देवताओं के मूल स्थानों/मंदिरों के साथ लगती सरकारी/वन भूमि से 10-10 बिस्वा भूमि देवी-देवता के नाम (Land Transfer In The Name Of Deities) करने को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारण के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में सर्व देवता समिति के साथ चर्चा की गई, ताकि किसी प्रकार की अस्पष्टता न रहे। ऐसे मामलों में आवेदन से लेकर स्वीकृति तक की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए एसओपी तय की गई है।
जमीन खाली होनी चाहिए
उन्होंने आग्रह किया कि भूमि के लिए आवेदन करते समय यह ध्यान में रखें कि मंदिर के साथ लगती जमीन रिक्त भूमि (Land Should Be Vacant) हो और वहां पर पहले से कोई निर्माण न हुआ हो। उन्होंने कहा कि वन भूमि से जुड़े मामलों में एफआरए स्वीकृति के केस बना कर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। बता दें कि मंडी शिवरात्रि को लेकर 216 देवी देवता पंजीकृत हैं। सुंदरनगर शिवरात्रि में 65 देवी देवता पंजीकृत हैं।