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हाईकोर्ट ने विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने की पैरवी के लिए नियुक्त किया कोर्ट मित्र
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों (Criminal cases registered against MLAs) को वापस लेने से जुड़े मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मुद्दे की पैरवी करने के लिए कोर्ट मित्र ( court Mitra) को नियुक्त किया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 16 अक्तूबर को निर्धारित की है। गृह विभाग ( Home Department) ने कोर्ट से ऐसे 65 अभियोगों को वापिस लेने की अनुमति मांगी है जो कथित तौर पर राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे। कोर्ट ने सरकार को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत आपराधिक मामले वापिस लेने से जुड़े कानून बताने के आदेश दिए थे।
हाईकोर्ट कोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है
सरकार द्वारा दायर आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया गया है कि सीएम और डिप्टी सीएम समेत अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अपराधिक मामले चल रहे हैं। सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए है। वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं। आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन किसी छुपे हुए उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है।
कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है। लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा ही किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है और आदेश दिए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए।