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Shanidev: घर पर क्यों नहीं लानी चाहिए शनिदेव की प्रतिमा? वजह जानकर दंग रह जाएंगे!
Last Updated on January 27, 2024 by Himachal Abhi Abhi
नेशनल डेस्क। Shani Dev: हिंदू धर्म में शनिदेव (Shanidev) को न्याय का देवता माना जाता है। हर वार किसी ना किसी देवता को समर्पित होते हैं। ठीक वैसे ही शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है। मान्यता अनुसार, शनिदेव की प्रसन्नता से घर परिवार पर कृपा बरसती है तो वहीं दूसरी और जिनपर देवता की कुदृष्टि पड़ती है उनका जीवन कष्ट और पीड़ा से भर जाता है। हर घर में लोग अपनी श्रद्धा के मुताबिक, देवी-देवताओं की तस्वीरें रखते हैं ताकि घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। लेकिन कई बार देवताओं की कृपा पाने के चक्कर में लोग घर में कुछ ऐसी प्रतिमा (Picture) रख लेते हैं, जिन्हें रखना शुभ नहीं माना जाता। इन्ही में से शनिदेव एक हैं।
शनिदेव की प्रतिमा घर लाना वर्जित
शनिदेव एक ऐसे देवता माने जाते हैं जिनकी प्रतिमा या मूर्ति घर में रखना वर्जित माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, घर में शनिदेव की मूर्ति या प्रतिमा रखना अशुभ होता है। शनिदेव की मूर्ति (Statue of Shanidev) घर में ना रखने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है, जिसके अनुसार शनिदेव को श्राप मिला था कि जिस पर भी उनकी दृष्टि पड़ेगी उसी का अशुभ होना शुरू हो जाएगा।
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पत्नी ने दिया शनिदेव के श्राप
पौराणिक कथा (Mythology) के अनुसार, शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे और सदा उनकी भक्ति में ही लीन रहते थे। एक बार शनिदेव की पत्नी शनिदेव से मिलने उनके पास आई। शनिदेव उस वक्त अपने आराध्य की भक्ति में लीन थे। पत्नी ने बहुत प्रयास किया लेकिन शनिदेव नहीं उठे। इससे शनिदेव की पत्नी क्रोधित हों गईं। का्रेध में उन्होंने शनिदेव को श्राप दे दिया कि आज से जिस पर भी शनिदेव की दृष्टि पड़ेगी उसका अमंगल होगा। बाद में शनिदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपनी पत्नी से माफी भी मांगी पर श्राप वापस लेने की शक्ति उनकी पत्नी में नहीं थी.। इस कारण तभी से ही शनिदेव अपना सिर झुकाकर चलते हैं ताकि उनकी दृष्टि किसी पर ना पड़े और उसका अमंगल ना हो। शनिदेव की कुदृष्टि के कारण ही उनकी तस्वीर को घर लाना वर्जित है।