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शिमला में निर्माण कार्यों पर बैन, जल संकट के चलते जारी किया फरमान
Water Crisis in Shimla : शिमला। राजधानी शिमला (Shimla) में पानी का संकट खड़ा हो गया है कई क्षेत्रों में तीसरे से चौथे दिन पानी मिल रहा है वहीं विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने मंगलवार को अपने कार्यालय में बैठक कर जल प्रबंधन निगम (Water Management Corporation) को वार्डों में टैंकरों के माध्यम से पानी देने के निर्देश दिए, साथ ही शिमला शहर में निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है ।
पानी बर्बाद करने वालों पर होगा एक्शन
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Public Works Minister Vikramaditya Singh) ने कहा कि गर्मी के चलते पानी के जल स्रोत में पानी का स्तर कम हो गया है जिसके चलते पानी की कम सप्लाई शिमला पहुंच रही है। इसको देखते हुए मंगलवार को जल प्रबंधन निगम नगर निगम (Water Management Corporation Municipal Corporation) के अधिकारियों के साथ बैठक की गई और लोगों को टैंकरों के माध्यम से पानी देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि शिमला को 45 से 48 एमएलडी (MLD) पानी की हर रोज जरूरत रहती है लेकिन इन दोनों 32 से 35 एमएलडी पानी ही आ रहा है। इसके चलते दूसरे से तीसरे दिन पानी की सप्लाई लोगों को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी को देखते हुए शिमला शहर में फिलहाल के लिए सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है ताकि पानी की बचत हो सके। निर्माण कार्यों में काफी ज्यादा पानी प्रयोग होता है जिसको देखते हुए फिलहाल के लिए निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।
पानी की बचत करें लोग
वहीं उन्होंने कहा कि शहर में जो लोग पानी बर्बाद कर रहे हैं उसको लेकर जल प्रबंधन निगम को सख्त निर्देश दिए हैं और पानी बर्बाद करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा कुछ भ्रांतियां फैलाई जा रही है कि होटल (Hotel) को ज्यादा पानी दिया जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है। आम दिनों में जिस तरह से होटलो को पानी दिया जा रहा है इस तरह से उन्हें अभी भी पानी की सप्लाई (Water Supply) दी जा रही है साथ ही उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया है कि पानी के बचत करें।