-
Advertisement
बड़ा खुलासा : हिमाचल के बद्दी में है रेमडेसिवीर के नकली इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री
बद्दी। कोरोना काल में मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कितनी जरूरत पड़ रही है ये तो सभी जानते हैं। ऐसे समय में कालाबाजारी करने वाले भी पीछे नहीं है। ऐसे लोग पैसा लेने के बावजूद लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं। ये लोग नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन मजबूर लोगों को बेच रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir injections) की कालाबाजारी को लेकर सीआईए-2 (Central Intelligence Agency-2) ने एक बड़ा खुलासा किया गया है। इस कालाबाजारी के तार हिमाचल से जुड़े हुए हैं। सीआईए-2 ने कालाबाजारी के चौथे और मुख्य आरोपी को पकड़ लिया है जिसने पूछताछ में एक बड़ा खुलासा किया है। आरोपी ने बताया कि रेमडेसिवीर के नकली इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: रेमडेसिवीर के इस्तेमाल पर लगेगी रोक, 4529 की कोरोना से मौत-हिमाचल ने 24 को बुलाई Cabinet बैठक
जानकारी के अनुसार नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Black marketing) के आरोप में सीआईए-2 ने चौथे और मुख्य आरोपी सत्यनारायण को रेवाड़ी से पकड़ने में सफलता हासिल की है। सीआईए-2 ने 7 मई की रात को भिवानी के एक निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर संचालक इंद्रजीत को दो नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन 35-35 हजार रुपए में बेचने के आरोप में इंजेक्शन सहित पकड़ा था। सीआईए-2 ने इंद्रजीत की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ के बाद 15 मई को रेवाड़ी के रिंकू को 50 हजार रुपए और भिवानी के रामकिशन को 90 हजार रुपएसहित गिरफ्तार किया गया। इन्होंने ही आरोपी इंद्रजीत को ये नकली इंजेक्शन दिए थे।
यह भी पढ़ें: कोरोना के मामलों में गिरावट जारी, मौतें बढ़ी- Plasma Therapy को इलाज की लिस्ट से हटाया
सीआईए-2 ने बताया कि तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद अब मुख्य आरोपी सत्यनारायण को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि सत्यनारायण अब तक 200 से ज्यादा इंजेक्शन बेच चुका है। सीआईए-2 ने अब तक नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में चार आरोपियों को एक लाख 90 हजार रुपए और दो इंजेक्शन सहित काबू किया है। इस बड़े खुलासे के बाद अब हिमाचल में भी हड़कंप है। इस फैक्ट्री को लेकर प्रशासन क्या कदम ये देखना होगा।