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ऑनशोर भंडार क्षमता 100% भरने के बाद India ने समुद्र में किया सस्ते तेल का भंडारण
Last Updated on May 5, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ है। इससे सबसे ज्यादा असर Financial market और तेल के बाजार पर पड़ा है। कच्चे तेल की कीमतें निगेटिव हो गई हैं। इसका कारण दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल की मांग में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच आपके फायदे की बात यह है कि कुछ महीनों तक पेट्रोल और डीजल के रेट अंतरराष्ट्रीय कारणों से नहीं बढ़ने वाले। क्योंकि भारत ने करीब 3.20 करोड़ टन सस्ता कच्चा तेल (Crude Oil) खरीद लिया है, जो देश की सालाना खपत का तकरीबन 20 फीसद है। यानि करीब 3 महीने का सस्ते तेल का भंडार जुटा लिया गया है।
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पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा उठाकर भारत ने 3.2 करोड़ टन तेल का भंडारण कर लिया है। रिफाइनरी और पाइपलाइंस में 2.5 करोड़ टन भंडार क्षमता भरने के बाद कंपनियों ने समुद्र में टैंकरों में 70 लाख टन कच्चा तेल इकट्ठा कर लिया है। दरअसल, भारत ज़रूरत का 80% तेल आयात करता है। सरकारी और निजी प्रोसेसर्स ने इस समय समुद्र में फ्लोटिंग शिप्स में 70 लाख टन अर्थात 5 करोड़ बैरल के बराबर तेल का स्टोरेज किया हुआ है। वहीं, 2.5 करोड़ टन तेल को अंतर्देशीय डिपो व टैंक, प्रोडक्ट टैंक्स और रिफाइनरी पाइपलाइन में स्टोर करके रखा गया है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ उठाते हुए देश ने अपने रणनीतिक भंडारों को भरने का फैसला लिया है।’