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सीएम जयराम को सदन में आया गुस्सा, विपक्ष को मर्यादा में रहकर बात करने की दी नसीहत
शिमला। हिमाचल विधानसभा में आज माहौल उस समय गरमा गया जब विपक्ष के आरोपों से नाराज सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कड़े तेवर अपनाए। सीएम जयराम ने विपक्ष खासकर कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर (MLA Sunder Singh Thakur) को गलत आंकड़े पेश ना करने और तथ्यों पर तथा मर्यादा में रहकर बात करने की नसीहत तक दे डाली। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप तक लगा डाले। इस पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने यह कहकर मामले को शांत करने का प्रयास किया कि दोनों सदस्य परिवारों पर मत जाएं और बहस को यहीं रोका जाए।
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उन्होंने कहा कि सीएम जयराम को गुस्सा करना शोभा नहीं देता। अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष बीजेपी की धमकियों से डरने वाला नहीं है। सुंदर सिंह ठाकुर द्वारा कुल्लू में स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य कई मामलों में लगाए गए आरोपों पर सीएम जयराम ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि प्रदेश सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि राज्य की ऊर्जा नीति को पीएम नरेंद्र मोदी जारी करेंगे। उन्होंने सुंदर सिंह ठाकुर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि सदन में बोल रहे हैं ना कि किसी जनसभा में। इसलिए उन्हें तथ्यों पर ही बोलना चाहिए।
अवैध शराब के खिलाफ पर की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह (Industries Minister Bikram Singh) ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट में जितने भी लोगों ने एमओयू साइन किए हैं, उनसे वार्ता कर निवेश को जमीन पर उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर समुदाय का ख्याल रखा है और उनके कल्याण के लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि जो सपने विपक्ष ने सत्ता में आने के पाले हैं, वह पूरा होने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी ने बहुत कुछ सीखा है और कहा कि लोगों ने कांग्रेस के कार्यकाल को देखा है। कांग्रेस सदस्य आशीष बुटेल ने कहा कि बीजेपी सरकार से कोई भी वर्ग खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार जहां पुलिस कर्मियों को अपनी मांगों के लिए सीएम जयराम आवास का घेराव करना पड़ा, वहीं प्रदेश के इतिहास में पहली बार ठेकेदार भी हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए। बुटेल ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में एक विकास खंड खोलने की मांग भी की।
1767 कोरोना मृतकों के परिजनों को दिया मुआवजा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से राज्य में अब तक 4146 मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड मृतकों के 2112 परिजनों ने एक्सग्रेशिया के लिए आवेदन किया है। इनमें से 1767 को क्लेम दे दिए गए हैं और 341 मामले पेंडिंग हैं। वे आज विधानसभा में कांग्रेस सदस्य रोहित ठाकुर, राजेंद्र राणा और आशीष बुटेल के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीड़ितों को जो राहत राशि दी जा रही है, वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को 50-50 हजार रुपए की राशि दी जा रही है। डॉ. सैजल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिस मरीज की मौत हुई है, उनके कानूनी वारिस को यह क्लेम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्लेम लेने के लिए दावेदारों से कोरोना संक्रमण से हुई मौत का सर्टिफिकेट चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, उनके कानूनी वारिस को 50 हजार रुपए की राहत राशि मिलेगी और यह दी जा रही है।
एफसीए और एफआरए के 1156 मामलों को सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी
बीजेपी सदस्य बिक्रम सिंह जरयाल के सवाल पर वन मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने कहा कि एफसीए और एफआरए के 1156 मामलों को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिली है। इनमें से 884 एफआरए के हैंए जबकि 272 एफसीए के हैं। उन्होंने कहा कि अब इन परियोजनाओं पर काम शुरू करने की अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि के ट्रांसफर पर रोक लगा रखी है। प्रदेश सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 13 प्रार्थना पत्र दायर किए हैं। इनमें से 12 प्रार्थना पत्रों को सुप्रीम कोर्ट ने निपटा दिया है।
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