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ओमीक्रॉन से बचना है तो मास्क जरूर पहने, 225 गुना कम हो सकता है खतरा
नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से दुनियाभर में डरे हुए हैं। ओमिक्रॉन के नए मामलों ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका बढ़ा दी हैं, इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एक शोध में पता चला है कि कोविड से बचाव के लिए फेस मास्क पहनना सोशल डिस्टेंसिंग से बेहतर है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन मीटर की दूरी बनाए रखने के नियम पर निर्भर रहने की तुलना में चेहरे को ढककर रखने से जोखिम 225 गुना तक कम हो सकता है।कोरोना महामारी में दुनिया के लगभग हर देश में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन जूरी अभी भी विरोधाभासी सबूतों के कारण उनकी प्रभावकारिता पर बाहर है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मन और अमेरिकी विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा किए गण् नवीनतम शोध का निष्कर्ष यह निकाला चेहरा ढककर रखने से अत्यधिक सुरक्षा मिलती है। यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के सामने पांच मिनट तक खड़े रहते हैं और आप में से कोई भी 3 मीटर का फासला बनाए रखता है, पर मास्क नहीं पहनता है, तो उसे कोविड से संक्रमण का 90 प्रतिशत तक खतरा रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई सर्जिकल मास्क पहनता है तो जोखिम अधिक होने में 30 मिनट का समय लगेगा, भले ही वह चेहरे पर ‘बिल्कुल फिट’ न हो।
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सबसे आदर्श परिदृश्य में, जहां दो लोग मेडिकल-ग्रेड एफएफपी2 मास्क पहनते हैं और उन्हें अलग रखा जाता है, तब एक घंटे के बाद वायरस के फैलाव की संभावना केवल 0.4 प्रतिशत होती है।अध्ययन करने वाले गोटिंगेन और कॉर्नेल विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने कहा कि उनकी खोज शारीरिक दूरी को कम महत्वपूर्ण बताती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक प्रमुख समीक्षा के बाद यह पाया गया कि व्यापक रूप से मास्क के उपयोग से संक्रमण दर में 50 प्रतिशत की कमी हो सकती है।
–आईएएनएस