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नहीं पहनने चाहिए सोने के बिछुए, वैवाहिक जीवन पर पड़ता है संकट
Last Updated on July 29, 2022 by sintu kumar
हार-श्रृंगार के प्रति आखिर किस महिला का आकर्षण नहीं होता। या यूं कह लें कि गहने पहनना किस का शौक नहीं होता। मगर हिंदू शास्त्रों में सुहागिनों को गहने पहनने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बनाए गए हैं। भारतीय संस्कृति में सुहागिनें सोलह श्रृंगार करती हैं। महिलाएं सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात आदि के गहने (Jewellery) धारण करती हैं। इन्हीं में से कुछ गहने सिर्फ चांदी के ही धारण किए जा सकते हैं। इन गहनों को सोने के बनाकर पहनने के लिए सख्त मनाही है। पैरों में पहने जाने वाले बिछुआ और पायल इन्हीं गहनों की श्रेणी में अक्सर आते हैं।
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हिंदू धर्म में सोने के पायल और बिछुआ पहनने पर सख्त मनाही है। सुहागिनों को हमेशा चांदी का ही बिछुआ पहनना चाहिए। सोने का बिछुआ (Toe Rings) पहनना अशुभ माना गया है। जैसा कि हम जानते हैं चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से है। वहीं, सोने का संबंध मां लक्ष्मी से है। ऐसे में माना जाता है कि सोना पैरों में पहनने से मां लक्ष्मी का अनादर होता है। इसलिए सोने को कभी पैरों में नहीं पहनना चाहिए।
वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चांदी की तासीर ठंडी होती है। इससे पैरों को लाभ मिलता है। इसके लिए कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है। महिलाओं को ना तो किसी अन्य महिला के बिछुए पहनने चाहिए और ना ही किसी को अपने बिछुए देने चाहिए। ऐसा करने से सुहाग में संकट आते हैं। इसके साथ ही पति पर कर्ज भी बढ़ता है। पति-पत्नी के जीवन में आर्थिक समस्याएं भी आती हैं।