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मोदी रैली से पहले हिमाचल को 5466 करोड़ की मिली बड़ी सौगात…क्या मिला, जानें यहां
शिमला। हिमाचल (Himachal) को मोदी सरकार ने क्रिसमस पर बहुत बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश को एक साथ 13 रोपवे मंजूर किए है। इसके साथ ही इन्हें जमीन पर उतारने का जिम्मा नेशनल हाइवे अथॉरिटी की कंपनी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट को सौंपा गया है। इसके लिए कुल 5466 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। शिमला, धर्मशाला (Dharamshala) और मनाली शहरों के लिए अत्याधुनिक रोपवे शहरी परिवहन सिस्टम का अप्रूवल इस घोषणा की सबसे अहम कड़ी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने ट्विटर (Twitter) पर घोषणा करते हुए बताया कि कुल 111 किलोमीटर लंबे इन रोपवे (Ropeway) के बनने से प्रदेश में पर्यटन को पंख तो लगेंगे ही,साथ ही भीड़-भाड़ वाले शहरी और दुर्गम इलाकों में स्थानीय निवासियों को भी आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
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नितिन गडकरी ने इस उपहार के लिए राज्य के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के प्रयासों की भी सराहना की है। 27 दिसंबर को मंडी में प्रस्तावित पीएम मोदी की रैली से पहले इस बड़ी घोषणा से हिमाचल के चारों कोनों में काफी समय से लंबित रोपवे प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो सकेगा। सबसे पहले बात करते हैं सिरमौर (Sirmour) जिला में स्थित चूड़धार चोटी का। लगभग 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस चोटी पर हर साल हजारों यात्री धार्मिक और साहसिक पर्यटन के लिए जाते हैं। अब यहां 250 करोड़ रुपए की लागत से 8 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा। अब तक इस शानदार चोटी के दर्शन केवल दिन भर की पैदल चढ़ाई के बाद ही हो सकते हैं। इसके बाद सोलन (Solan) जिला में जाबली से कसौली के लिए तीन किलोमीटर लंबा रोपवे 250 करोड़ की लागत से बनेगा और ये फोरलेन को सीधा कसौली की चोटी से जोड़ेगा। शिमला (Shimla) शहर की भीड़-भाड़ को आवागमन की आधुनिक सुविधा देने के लिए 1200 करोड़ की लागत से रोपवे आधारित 22 किलोमीटर लंबा अर्बन पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Urban Passenger Transport System) भी इस पैकेज का हिस्सा है। बनने के बाद ये आधुनिक शिमला का सबसे बड़ा आर्कषण तो होगा ही बल्कि ये शिमला में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए त्वरित माध्यम भी होगा। शिमला जिला में ही नारकंडा के हाटू पीक के लिए 172 करोड़ की लागत से 3 किमी लंबा रोपवे बनाया जाना है। गोविंदसागर झील किनारे बिलासपुर (Bilaspur) के लुहणु मैदान से बांदला की पहाडिय़ों के लिए 150 करोड़ की लागत से 3 किमी लंबा रज्जू मार्ग बनेगा, जबकि मंडी (Mandi) जिला में शिकारी देवी के लिए भी 150 करोड़ की लागत से 3 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा।
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इसके अलावा धर्मशाला में 800 करोड़ की लागत से शहर के लिए रोपवे पैसेंजर सिस्टम बनेगा, वहीं पालमपुर (Palampur) से चुंजा ग्लेश्यिर के लिए 605 करोड़ की लागत से 14 किमी लंबा रोपवे पर्यटकों को सीधा बर्फ से लकदक ग्लेशियर तक पंहुचाएगा। राज्य के अतिदुर्गम चंबा (Chamba) जिला के किलाड़ के लिए भानौती से 21 किमी लंबा रोपवे 1000 करोड़ की लागत से बनेगा। ये रोपवे इस जनजातिय इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। इन सबके अलावा मनाली (Manali) शहर के लिए 500 करोड़ की लागत से अर्बन रोपवे सिस्टम और प्रीणी से हम्टा पास और चंबा चैगान में रोपवे स्वीकृत हुआ है। प्रदेश सरकार ने कुल 50 प्रोजेक्ट नेशनल हाइवे को बनाकर भेजे थे, जिनमें से 13 को शुक्रवार को स्वीकृति दे दी गई है।
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