-
Advertisement
कब सामने आया था #Bird_Flu का पहला मामला और क्या हैं इसके लक्षण, पढ़ें
अभी तक कोरोना वायरस (Corona Virus) ही हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा था कि अब बर्ड फ्लू अलर्ट (Bird flu) ने हिमाचल को हिला दिया है। हिमाचल के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश और झारखंड में भी बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट (Alert) जारी किया गया है। यानी अब कोरोना के साथ-साथ हमें बर्ड फ्लू से बचाव के लिए भी एहतियात बरतनी होगी। इसलिए आज बात करते हैं कि बर्ड फ्लू कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या-क्या हैं।
ये भी पढ़ें :- कांगड़ाः #Bird_Flu को लेकर अलर्ट, इन चार उपमंडलों में नहीं बिकेगा चिकन, अंडा और मछली
बर्ड फ्लू भी एक वायरल इन्फेक्शन (Viral infection) की तरह ही है। यह पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी खतरनाक है क्योंकि इससे मौत भी हो सकती है। बर्ड फ्लू से संक्रमित किसी पक्षी के संपर्क में इंसान या कोई अन्य जानवर आता है तो उसे भी बर्ड फ्लू हो सकता है। बर्ड फ्लू भी कई तरह होते हैं, लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्यूएंजा है जिसने इनसानों को संक्रमित किया। बर्ड फ्लू का पहना मामला 1997 में सामने आया। यह मामाल हॉन्ग कॉन्ग में दर्ज किया गया था।
क्या हैं लक्षण
बर्ड फ्लू वायरल इन्फेक्शन के लक्षण भी कुछ हद तक दूसरे वायरल इन्फेक्शन की तरह ही हैं। बर्ड फ्लू होने पर व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, डायरिया, बुखार, कफ, सांस संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। बर्ड फ्लू (H5N1) दस दिनों तक भी संक्रमित पक्षियों की लार या मल में जीवित रहता है।
ये भी पढ़ें :- Kangra #Bird_Flu Alert: आदेशों की अवहेलना पर 50 हजार जुर्माना, आदेश जारी
1997 में सामने आया पहला मामला
संक्रमित चिकन कच्चा या आधा पक्का हुआ चिकन, अंडा खाने या संक्रमित जगह में जाने से बर्ड फ्लू हो सकता है। मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों में बर्ड फ्लू होने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में बर्ड फ्लू होने पर संक्रमित व्यक्ति को 48 घंटे के भीतर इससे जुड़ी दवाएं लेनी होती हैं। हालांकि कोई भी दवाई बिना डॉक्टरी जांच या सलाह के ना लें।