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उपचुनाव: ‘वीरभद्र सिंह देशभक्त थे, अगर जिंदा होते कन्हैया को हिमाचल में पांव रखने नहीं देते’
Last Updated on October 14, 2021 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल (Himachal) में उपचुनाव (By Election) के लेकर सरगर्मियां अपने चरम पर है। बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के नेता एक दूसरे पर धुंधार सियासी बमबार्डिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी शिमला (Shimla) से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुरेश कश्यप (MP Suresh Kashyap) ने कांग्रेसी नेताओं पर तीखा हमला किया है।
शिमला में मीडिया से मुखातिब होते हुए सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि ये बहुत शर्म की बात है कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी ने उस शख्स को अपनी पार्टी में शामिल किया, जो देश के टुकड़े टुकड़े ‘ करने वालों का समथर्न करता है। कांग्रेस में ऐसे लोग शामिल है, जो अफजल गुरु जैसे आतंकी की बरसी मनाते हैं और देश के खिलाफ वरोधी नारे लगाते हैं। शायद देश के विरोधियों को शह देना कांग्रेस पार्टी की आदत बन गई है।
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बीजेपी को स्थानीय नेताओं पर पूरा भरोसा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक लिस्ट से स्थानीय नेता गायब है। पर बीजेपी को अपने स्थानीय प्रचारकों पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा जब बीजेपी ने एक फौजी को सम्मान देकर मंडी लोकसभा सीट से उतारा है, तो उस फौजी के खिलाफ प्रचार कि लिए कांग्रेस उसी कन्हैया कुमार को ले आई। जो फौज पर दुष्कर्म के आरोप लगाता है। जो ‘ हर घर से अफजल निकलेगा ‘ जैसे नारे लगाने वालों को शह देता है। ‘ उस स्टार प्रचार के कदम हिमाचल पर पड़े और कांग्रेस के प्रत्याशी भी रंग बदलने लगे।
कारगिल पर घेरा
मंडी में कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अगले ही दिन प्रतिभा सिंह ने बयान दिया कि कारगिल का युद्ध कोई बड़ा युद्ध नहीं था। उन्हें याद नहीं कि उस लड़ाई में देश के 500 से ज्यादा जवानों ने शहादत दी। हिमाचल में 50 से ज्यादा माताओं में अपने बेटे, बहनों ने अपने भाई, बीवियों में अपने सुहाग को खोया।
वीरभद्र सिंह को बताया देशभक्त
इसके साथ ही सांसद ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को याद करते हुए लिखा कि वीरभद्र सिंह देशभक्त थे। हमें यकीन है कि वो आज होते तो कन्हैया कुमार जैसे शख्स को हिमाचल की धरती पर पांव नहीं रखने देते। वहीं, उन्हें दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को लेकर कहा कि प्रतिभा सिंह दो बार सांसद रही हैं। आज बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं। मगर जब सांसद थीं, तब अपनी सांसद निधि तक खर्च नहीं कर पाईं।
सांसद निधि तक खर्च नहीं कर पाई
अगर प्रतिभा सिंह ने बतौर सांसद काम किया होता तो, 2014 में उनकी इतनी करारी हार नहीं होती। उन्हें पता है कि जनता उनकी हकीकत जानती है। इसलिए उन्होंने 2019 का चुनाव हार के डर के कारण नहीं लड़ा और अब वीरभद्र सिंह के गुजर जाने के बाद चुनाव लड़ने जा रही है।
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सीएम ने भी किया वीरभद्र सिंह का जिक्र
वहीं, मनाली में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मौजूदा चुनाव में कांग्रेस के सहानुभूति कार्ड खेल रही है। सीएम ने कहा कि वीरभद्र सिंह आज हमारे बीच में नहीं हैं हमें उसका दुख है। जयराम ठाकुर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वो सहानुभूति की बात कर रहे हैं तो हमने भी रामस्वरूप शर्मा को खोया है, लेकिन हमें अब आगे बढ़ने का अवसर मिला है। हमें मुड़कर पीछे नहीं देखना है।
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