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नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP president JP Nadda) को अध्यक्ष बने चार माह से ज्यादा का वक्त बीत रहा है,लेकिन वह अभी तक भी अपनी टीम फाइनल नहीं कर पाए हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह नड्डा अपनी टीम का गठन कर सकते हैं। इस वर्ष जनवरी माह में नड्डा को पार्टी ने कार्यकारी से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी, तब से लेकर वह अमित शाह के वक्त की टीम के साथ ही आगे बढ रहे हैं। यूं तो पार्टी ने नडृडा को बीते वर्ष अमित शाह के गह मंत्री बनने के साथ ही जून माह में कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। नड्डा पहले चुनावी व्यस्तता और फिर कोविड-19 (Covid-19) की वजह से संगठन का विस्तार नहीं कर पाए, लेकिन अब इसकी तैयारी चल रही है। प्रदेश स्तर पर संगठन बनाने का काम दिल्ली जैसे प्रदेश को छोड़कर लगभग पूरा हो चुका है। इसके चलते ही अब पार्टी के केंद्रीय संगठन में फेरबदल की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बीजेपी कार्यालय में सीमित स्टाफ के साथ नियमित कामकाज कुछ हद तक शुरू हो गया है।
नड्डा की टीम में सबसे ज्यादा नजर महासचिवों और पार्टी की नीति निधार्रण इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड (Parliamentary board) पर रहेगी। महासचिवों में कुछ बने रह सकते हैं,कुछ जगहों पर नए चेहरों को मौका मिल सकता है। वहीं पार्लियामेंट्री बोर्ड में कई जगह खाली पड़ी हैं। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) व अनंत कुमार के निधन के बाद ये तीनों जगह खाली हैं। इसके अलावा वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद उनकी भी जगह पार्लियामेंट्री बोर्ड में खाली है। इन्हें भरा जाना है। इसके लिए नडृडा की पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) व गह मंत्री अमित शाह के साथ कई राउंड की बातचीत भी हुई है।
नड्डा की टीम में सभी वर्गों और सभी राज्यों को स्थान दिए जाने की बात हो रही है। नड्डा ने नई टीम के लिए राज्यों को भेजे एक सकुर्लर में कहा था कि युवाओं, महिलाओं और नए चेहरों को मौका देने पर जोर होना चाहिए। सकुर्लर में कहा गया था कि इन वर्गों में समान अनुपात से लोगों को मौका दिया जाए। इसके लिए राज्यों से उन्होंने वर्ग के हिसाब से सूची भी मंगवा ली है। उम्मीद जताई जा रही है कि नड्डा की नई टीम नए और पुराने कद्दावर अनुभवी नेताओं की मिलीजुली टीम होगी। जिन महासचिवों (General secretaries) के पास चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी संभवतः उनको ना बदला जाए। चुनाव वाले राज्यों पर भी नई टीम के गठन के वक्त ध्यान रखने की बात कही जा रही है। ऐसे में नड्डा इन राज्यों के कुछ नए चेहरों को राष्ट्रीय टीम में मौका देंगे। इसके अलावा कुछ राज्यों के पूर्व सीएम भी पार्लियामेंट्री बोर्ड में शामिल किए जा सकते हैं। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का नाम लिया जा रहा है।
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