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दृष्टिबाधित यश की चमकी किस्मत, माइक्रोसॉफ्ट ने दिया 47 लाख रुपए का पैकेज
Last Updated on August 31, 2022 by sintu kumar
कहते हैं कि किस्मत के आगे किसी की नहीं चलती और फिर जिसकी किस्मत में भगवान ने जो लिखा होता है वो उसे मिल ही जाता है। हाल ही में ऐसा एक मामला इंदौर से सामने आया है। यहां ग्लूकोमा की जन्मजात बीमारी से ग्रस्त यश सोनकिया (Yash Sonakia) की आंखों की रोशनी ना होने के कारण उन्हें दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने करीब 47 लाख रुपए के पैकेज वाली नौकरी की पेशकश की है।
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जानकारी के अनुसार, यश सोनकिया (25) ये जल्द ही इस कंपनी के बेंगलुरु स्थित दफ्तर से बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जल्द ही जुड़ने जा रहे हैं। हालांकि, अभी शुरुआत में उन्हें घर से ही कान करने के कहा गया है। हर तरफ यश सोनिकया के बारे में चर्चा हो रही है।
यश सोनकिया ने बताया कि उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि विशेष तकनीक वाले स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर की मदद से बी.टेक. की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी ढूंढना शुरू की। उन्होंने कोडिंग सीखी और माइक्रोसॉफ्ट में भर्ती की अर्जी दी। फिर ऑनलाइन परीक्षा और इंटरव्यू के बाद उन्हें माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर के पद पर चुना गया है।
बताया जा रहा है कि यश के पिता शहर में एक कैंटीन चलाते हैं। उन्होंने बताया कि यश के जन्म के अगले ही दिन उन्हें पता चला कि यश को ग्लूकोमा की जन्मजात बीमारी है। उन्होंने बताया कि जब यश आठ साल का हुआ तब उसकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चल गई। हालांकि, उसने हिम्मत नहीं हारी, वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता था।
यश के पिता ने बताया कि उन्होंने पांचवीं तक यश को विशेष जरूरत वाले बच्चों के स्कूल में पढ़ाया। इसके बाद कक्षा छह में उन्होंने यश के सामान्य बच्चों वाले स्कूल में भर्ती करवा दिया, जहां उसकी एक बहन ने गणित और विज्ञान की पढ़ाई में उसकी मदद की। उन्होंने कहा कि यश उनका बड़ा बेटा है और उसके साथ उनके भी सपने जुड़े थे। कई संघर्षों के बाद अब जाकर उसका सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना आखिरकार पूरा हो गया है।