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यहां बिल्ली को देवी मान कर करते हैं पूजा, जानिए क्यों है ऐसा
Last Updated on April 5, 2023 by sintu kumar
भारत (India) ही एक ऐसा देश है जहां देवी-देवताओं को पूजा ही जाता है, साथ ही प्रकृति, पशु-पक्षियों को पूजन का विधान (Law of worshiping nature, animals and birds) है। यही नहीं इन चीजों में भारतवासियों की आस्था भी गहन है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि भारत में एक अनोखा मंदिर ऐसा भी जहां बिल्ली को पूजा जाता है और उसमें भक्तों की पूरी आस्था भी है। यह बिल्ली को पूजने वाला अनोखा मंदिर कर्नाटक (Karnataka) के मांड्या जिले से लगभग तीस किलोमीटर बेक्कालेले गांव में स्थित है। हालांकि यदि बिल्ली काट जाए तो अपशकुन माना जाता है मगर यहां पिछले 1000 वर्ष से बिल्ली की पूजा की जा रही है।
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ऐसी मान्यता है कि इस गांव के लोग बिल्ली (Cat) को देवी का अवतार मानते हैं। और वे लोग बिल्ली का पूरे विधि-विधान से पूजन करते हैं। बताया जाता है कि इस गांव का नाम कन्नड़ के बेक्कू शब्द से पड़ा है। इसका अर्थ बिल्ली होता है। इस गांव के लोग बिल्ली को देवी मनगम्मा का अवतार मानते हैं। मान्यताओं के अनुसार देवी मनगम्मा (Devi Mangamma) ने बिल्ली का रूप धारण कर गांव में प्रवेश किया था। इस अवतार में उसने गांव वालों की बुरी शक्ति से रक्षा की थी। उस जगह पर बाद में एक बांबी बन गई थी। तभी से लेकर यहां के लोग बिल्ली की पूजा करते आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के इस गांव के लोग बिल्ली की हमेशा रक्षा करने में विश्वास रखते हैं,ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में अगर कोई बिल्ली को नुकसान पहुंचाता है तो उसे गांव से बाहर कर दिया जाता है। साथ ही बिल्ली के मरने के बाद उसे पूरे विधि-विधान के साथ दफनाया जाता है, इस गांव में हर साल देवी मनगम्मा का धूमधाम से त्योहार मनाया जाता है। ऐसा देश के सिर्फ इसी हिस्से में होता है।
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